- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- PM मोदी की अध्यक्षता में NDA की बैठक: 'बस्तर मॉडल' ने खींचा ध्यान, CM साय ने बताया विकास और संस्कृति...
PM मोदी की अध्यक्षता में NDA की बैठक: 'बस्तर मॉडल' ने खींचा ध्यान, CM साय ने बताया विकास और संस्कृति का आदर्श संयोजन
Raipur, CG

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ चर्चा का मुख्य केंद्र रहा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर राज्य की सुशासन आधारित पहलों, नवाचारों और आदिवासी अंचल में जनसहभागिता से जुड़े मॉडल का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण दिया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव और मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।
CM साय ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार ने योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन के लिए ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से योजनाओं की निगरानी हो रही है, जिससे समयबद्ध शिकायत निवारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य सिर्फ योजना बनाना नहीं, बल्कि उन्हें ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ ज़मीन पर उतारना है।
बस्तर ओलंपिक बना बदलाव की मिसाल
मुख्यमंत्री साय के प्रजेंटेशन का सबसे प्रभावशाली हिस्सा रहा बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम उत्सव। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे आदिवासी क्षेत्रों में साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम बन चुका है। इससे युवाओं के हाथों से बंदूकें छूटकर खेलों का साधन आ गया है।
इस आयोजन में सात जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। तीरंदाजी, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी और खो-खो जैसे 11 पारंपरिक खेलों में प्रतियोगिताएं चार श्रेणियों – जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग – में संपन्न हुईं।
CM साय ने दोरनापाल निवासी पुनेन सन्ना का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे यह पूर्व नक्सल प्रभावित क्षेत्र का युवक आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर समाज के लिए प्रेरणा बना है। प्रधानमंत्री मोदी भी ‘मन की बात’ में बस्तर ओलंपिक की सराहना कर चुके हैं।
संस्कृति का उत्सव बना ‘बस्तर पंडुम’
बस्तर की सांस्कृतिक आत्मा को मंच देने वाला ‘बस्तर पंडुम’ उत्सव भी बैठक का मुख्य आकर्षण रहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आयोजन में 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 कलाकारों ने भाग लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिताओं और हाट-बाजार जैसे आयोजन बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ने का माध्यम बने हैं।
राज्य सरकार ने 2.4 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर कलाकारों और सांस्कृतिक दलों को सम्मानित किया है। यह आयोजन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक सकारात्मकता और विकास की नई चेतना लेकर आया है।
‘बस्तर मॉडल’ को मिला राष्ट्रीय मंच पर सम्मान
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं का प्रस्तुतिकरण करने का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ सभी के लिए प्रेरणास्रोत बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह विकास और संस्कृति के समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है, जिसे देशभर में अपनाया जा सकता है।