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टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान: "झीरम घाटी हमला सिर्फ नक्सली वारदात नहीं, राजनीतिक षड्यंत्र था"
Surguja, CG

झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। हमले की 12वीं बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे "राजनीतिक साजिश" करार देते हुए कहा कि यह महज नक्सली हमला नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने की एक गहरी साजिश थी।
श्रद्धांजलि सभा अंबिकापुर स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की गई, जहां 25 मई 2013 को झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार सहित अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। इस हमले में कुल 33 लोगों की जान गई थी।
"हमले से पहले मेरा काफिला निकला था, फिर भी NIA ने नहीं लिया बयान"
सभा को संबोधित करते हुए सिंहदेव ने कहा, "मैं उस परिवर्तन यात्रा का प्रभारी था, और हमले के कुछ समय पहले ही मेरा काफिला उसी मार्ग से गुजरा था। इसके बावजूद, NIA ने मेरा बयान नहीं लिया। आखिर क्यों?" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उस दिन फोर्स और रोड ओपनिंग पार्टी को क्यों हटाया गया, जबकि इससे पहले दो दिनों तक सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी।
"हमलावरों ने खास नाम पूछे, यह साधारण नक्सली हमला नहीं था"
सिंहदेव ने दावा किया कि हमले के बाद घायल हुए कई लोगों ने बताया कि हमलावर लगातार पूछ रहे थे, "नंदकुमार पटेल कौन है?" उन्होंने कहा, "यदि हमलावर किसी खास नाम की तलाश कर रहे थे, तो यह स्पष्ट है कि हमला योजनाबद्ध तरीके से किसी विशेष लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया गया था।"
"जांच को गुमराह किया गया"
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जांच की दिशा को जानबूझकर भ्रमित किया गया। "जांच में यह सवाल ही नहीं उठाया गया कि तीसरे दिन सुरक्षा क्यों हटाई गई, किसके आदेश पर ऐसा हुआ? मैंने और उमेश पटेल ने इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी बात की, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई," उन्होंने कहा।
"हमले का मकसद चुनावी परिणाम को प्रभावित करना था"
सिंहदेव ने आरोप लगाया कि इस हमले का मकसद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की ताकत को कमजोर करना था। "हमारे नेताओं को खत्म कर कांग्रेस को चुनाव में कमजोर करना इस षड्यंत्र का मूल उद्देश्य था।"
कांग्रेस ने मनाया झीरम शहीद दिवस
इस मौके पर कांग्रेस नेताओं ने झीरम हमले के शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभा में जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, शैलेंद्र प्रताप सिंह, मदन जायसवाल और अशफाक अली सहित कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।