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नक्सलियों को हथियार सप्लाई मामला: NIA ने दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, 5 नए आरोपी नामजद
जगदलपुर (छ.ग.)
छत्तीसगढ़ के सुकमा-जगदलपुर क्षेत्र से जुड़े नेटवर्क पर शिकंजा, नक्सली बटालियन नंबर-1 तक पहुंचता था हथियार और विस्फोटक सामान
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने नक्सलियों को हथियार और विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति से जुड़े एक गंभीर मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिन पर नक्सली संगठन की बटालियन नंबर-1 को हथियार बनाने का सामान और IED से जुड़े उपकरण सप्लाई करने का आरोप है। यह मामला पहले छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिसे बाद में टेरर फंडिंग और संगठित नेटवर्क के संकेत मिलने पर NIA को सौंप दिया गया।
यह केस 25 सितंबर 2024 को सुकमा जिले में दर्ज किया गया था। शुरुआती जांच में सुकमा पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था और FIR में कुछ अज्ञात लोगों के साथ नक्सली केसा और मनीष के नाम दर्ज किए गए थे। जांच आगे बढ़ने पर सामने आया कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और नक्सलियों तक विस्फोटक सामग्री पहुंचाने का काम कर रहा था।
करीब एक साल की जांच के बाद अब NIA ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करते हुए पांच नए आरोपियों को नामजद किया है। इनमें मनीष सोढ़ी उर्फ हुर्रा शामिल है, जिसे जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा सोढ़ी केसा, मनिला, मड़कम केसा और सोढ़ी लखमा को भी आरोपी बनाया गया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपी नक्सली संगठन की बटालियन नंबर-1 के लिए हथियार बनाने का कच्चा माल और विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराते थे। इनके पास से टिफिन बम, डेटोनेटर, पोटेशियम नाइट्रेट और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया गया था। यह सामग्री जंगलों में सक्रिय नक्सली दस्तों तक पहुंचाई जाती थी, जिससे सुरक्षा बलों पर हमलों की आशंका बनी रहती थी।
मामले में टेरर फंडिंग और संगठित आपराधिक नेटवर्क के संकेत मिलने के बाद इसे NIA को सौंपा गया। एजेंसी ने आर्थिक लेनदेन, सप्लाई चैन और नक्सली संपर्कों की गहन जांच की। अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार अन्य इलाकों से भी जुड़े हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, NIA इस मामले में आगे और गिरफ्तारियों से इनकार नहीं कर रही है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब ट्रायल की प्रक्रिया तेज होने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियां इसे नक्सलियों की लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम पर बड़ी कार्रवाई मान रही हैं।
चार्जशीट के बाद अदालत में सुनवाई शुरू होगी। वहीं, NIA इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सल गतिविधियों की कमर तोड़ने के लिए सप्लाई चैन पर कार्रवाई बेहद अहम है।
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