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नववर्ष 2026 का स्वागत: काशी से अयोध्या तक उमड़ा आस्था का सैलाब, पर्यटन स्थलों पर रिकॉर्ड भीड़
नेशनल न्यूज
नए साल से पहले देशभर के धार्मिक और सैलानी केंद्रों पर करीब 10 लाख लोगों की मौजूदगी, मंदिरों में किलोमीटर लंबी कतारें, पहाड़ों और रेगिस्तान में जश्न का माहौल
नववर्ष 2026 के स्वागत से पहले देशभर में आस्था और पर्यटन का अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक नगरों से लेकर पहाड़ी और रेगिस्तानी पर्यटन स्थलों तक, लोगों की भारी भीड़ जुटी है। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक, केवल काशी, अयोध्या और वृंदावन में ही 10 लाख से अधिक श्रद्धालु नए साल से पहले दर्शन के लिए पहुंचे हैं। मंदिर परिसरों के बाहर तीन किलोमीटर तक लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश की तीर्थनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। काशी विश्वनाथ मंदिर में यह संख्या तीन लाख के पार बताई जा रही है, जहां दर्शन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है। वृंदावन और मथुरा क्षेत्र में भी चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी से यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाएं कड़ी की गई हैं।
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर में नए साल के अवसर पर विशेष दर्शन व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति ने 72 घंटे लगातार दर्शन कराने का निर्णय लिया है। यहां चार अलग-अलग लाइनों से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। वहीं जैसलमेर में पिछले एक दशक की सबसे ज्यादा पर्यटक भीड़ दर्ज की गई है। सम के रेगिस्तान में देश-विदेश से आए सैलानी नए साल के जश्न में शामिल हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में उज्जैन का महाकाल लोक भी नववर्ष की पूर्व संध्या पर आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। प्रशासन का अनुमान है कि 1 जनवरी को यहां करीब 12 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी लगातार भक्तों का प्रवाह बना हुआ है। सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
पर्यटन के लिहाज से जम्मू-कश्मीर में भी हालात बदले नजर आ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आई सुस्ती के बाद अब घाटी में रौनक लौट आई है। गुलमर्ग और पहलगाम जैसे विंटर डेस्टिनेशन में होटलों की बुकिंग लगभग पूरी हो चुकी है। बर्फबारी के पूर्वानुमान ने पर्यटकों का उत्साह और बढ़ा दिया है। स्थानीय कारोबारियों के मुताबिक, घरेलू पर्यटकों की वापसी से रोजगार और आय में सुधार दिख रहा है।
पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, महाराष्ट्र में मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया, और अन्य बड़े शहरों में भी नए साल के स्वागत को लेकर भीड़ देखी जा रही है। कहीं आध्यात्मिक माहौल है तो कहीं पर्यटन और उत्सव का रंग।
प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं कि यह भीड़ न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि देशभर में लोग नए साल को उम्मीद और सकारात्मकता के साथ शुरू करना चाहते हैं। अगले 24 घंटे में कई प्रमुख स्थलों पर भीड़ और बढ़ने की संभावना है, जिसे देखते हुए लगातार निगरानी की जा रही है।
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