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समाधान शिविर में खुली भ्रष्टाचार की पोल: पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा, आवास मित्र को हटाया, बैंक मैनेजर को नोटिस
Mungeli

सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में प्रशासनिक पारदर्शिता की परीक्षा होती नजर आई, जहां जनता ने खुलकर अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।
ग्रामवासियों द्वारा किए गए खुलासों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-G) और सहकारी बैंक प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया। जिला प्रशासन ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की है।
फर्जी जियो-टैगिंग और अवैध वसूली का मामला उजागर
ग्राम पंचायत हरियरपुर में तैनात आवास मित्र सम्राट सिंह ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने बिना मकान निर्माण के फर्जी जियो-टैगिंग कराई और लाभार्थियों से अवैध धन वसूला। ग्रामीणों ने बताया कि कई ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके नाम पर आवास स्वीकृत तो हुआ, लेकिन निर्माण नहीं हुआ और दूसरों के मकानों की तस्वीरें अपलोड कर दी गईं। इस फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर संबंधित आवास मित्र को तत्काल सेवा से हटा दिया गया।
किसानों के साथ मनमानी, बैंक मैनेजर को थमाया नोटिस
शिविर में सेतगंगा क्षेत्र के किसानों ने सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक सुमरन दास मानिकपुरी पर गंभीर आरोप लगाए। शिकायत में कहा गया कि ऋण वितरण के समय अनुचित रूप से राशि में कटौती की गई, केवल ₹20,000 तक की सीमित राशि ही दी गई, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को प्राथमिकता देते हुए पूरा भुगतान कर दिया गया।
इस मामले में कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। नोडल अधिकारी ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, मुंगेली के माध्यम से शाखा प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तीन दिन के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।
जन शिकायतों से जागा प्रशासन, तय हुई जवाबदेही
समाधान शिविर में आई शिकायतों ने यह स्पष्ट कर दिया कि कई योजनाएं जमीनी स्तर पर अपने उद्देश्यों से भटक रही हैं। प्रशासन ने लोगों की बात को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध त्वरित कदम उठाया, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों पर नियंत्रण की उम्मीद बढ़ी है।