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17 मई महाकाल भस्म आरती: अलौकिक श्रृंगार और भक्ति की अनोखी अनुभूति
Ujjain, MP

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर शनिवार, 17 मई की सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर में अलसुबह हुए भस्म आरती दर्शन ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। जैसे ही मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोले गए, पूरा परिसर “जय श्री महाकाल” के उद्घोष से गूंज उठा।
पंचामृत से महाअभिषेक, दिव्य श्रृंगार से मनमोहक रूप
परंपरा के अनुसार सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक कर पूजन किया गया। फिर हुआ वह दिव्य श्रृंगार, जिसे देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे।
इस अवसर पर भगवान महाकाल को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित फूलों की आकर्षक माला पहनाई गई। खास बात यह रही कि ड्रायफ्रूट से सुसज्जित भव्य श्रृंगार ने बाबा के स्वरूप को अत्यंत दिव्य बना दिया। साथ ही भगवान को फल और मिष्ठान का भोग भी अर्पित किया गया।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया भस्म आरती का दिव्य दर्शन
भस्म आरती के दौरान श्रद्धा और आस्था का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसे शब्दों में पिरोना कठिन है। सैकड़ों भक्तों ने महाकालेश्वर के भस्मारती दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ किया।
श्रद्धालु नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कह रहे थे, मानो हर शब्द बाबा तक पहुंच रहा हो। मंदिर परिसर “हर हर महादेव” के जयघोष से थर्रा उठा। आस्था का यह अद्भुत दृश्य हर भक्त के लिए अविस्मरणीय बन गया।