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जबलपुर में ट्रेनों पर पत्थरबाजी का खतरा बढ़ा: 2025 में 25 घटनाएं, सतपुला-शोभापुर बने डार्क स्पॉट
जबलपुर (म.प्र.)
आरपीएफ ने शराब दुकानों को बताया बड़ी वजह, कलेक्टर और आबकारी विभाग को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश के जबलपुर रेल मंडल में ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। साल 2025 में अब तक ट्रेनों पर पथराव की 25 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जो बीते वर्ष 2024 की तुलना में कहीं अधिक हैं। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अनुसार, इन घटनाओं में अधिकांश आरोपी या तो नाबालिग बच्चे होते हैं या फिर शराब के नशे में धुत लोग। बढ़ती घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
रेलवे रिकॉर्ड के मुताबिक, जबलपुर से कटनी सेक्शन में सतपुला और शोभापुर रेलवे ब्रिज पथराव के लिहाज से सबसे संवेदनशील इलाके बनकर उभरे हैं। इन स्थानों को आरपीएफ ने “डार्क स्पॉट” के रूप में चिह्नित किया है। शोभापुर फाटक के पास स्थित शराब दुकान के पीछे अक्सर शराबी बैठकर शराब पीते हैं और गुजरती ट्रेनों पर पत्थर या खाली बोतलें फेंकते हैं। वहीं सतपुला पुल के पास खुले मैदान में क्रिकेट खेलने और जुआ खेलने वालों की भीड़ रहती है, जहां से खेल-खेल में या लापरवाही से पत्थर ट्रेनों की ओर फेंक दिए जाते हैं।
आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि पथराव की कई घटनाओं में ट्रेनों के स्लीपर और एसी कोच की खिड़कियां टूट चुकी हैं। कुछ मामलों में यात्रियों को चोट भी आई है। मई 2025 में शोभापुर ब्रिज के नीचे एक ट्रेन के कोच में बैठी महिला यात्री की सीट के पास भारी वस्तु टकराने से कांच चटक गया, जबकि एक अन्य घटना में कांच की बोतल लगने से यात्री का चेहरा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इन मामलों में रेलवे हेल्पलाइन 139 पर शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिसके बाद आरपीएफ ने मौके पर जांच की।
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजीव खरब ने बताया कि पथराव की बढ़ती घटनाओं के पीछे ट्रैक के पास स्थित शराब दुकानों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि यदि रेलवे लाइन के आसपास से शराब की दुकानों को हटाया जाए, तो ऐसी घटनाओं में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। इसी मांग को लेकर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और आबकारी आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।
घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ ने विशेष निगरानी अभियान शुरू किया है। इसके तहत ट्रैक किनारे बैठकर शराब पीने वालों, संदिग्ध गतिविधियों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और पथराव जैसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि प्रशासनिक समन्वय, स्थानीय पुलिस की मदद और शराब दुकानों के स्थानांतरण जैसे कदम उठाकर ही इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
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