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भक्ति, भस्म और भव्यता: बाबा महाकाल के अलौकिक शृंगार दर्शन, 02 जुलाई 2025
Ujjain, MP

शिव भक्तों का प्रिय स्थल, उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में 02 जुलाई 2025 को भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार देखने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े। सुबह का समय था, जब शिव मंदिर में पवित्र भस्म आरती आरंभ हुई। आरती की भव्यता और बाबा के शृंगार ने न केवल भक्तों के हृदय को छुआ, बल्कि इस दिन की खासियत इसे शिव भक्तों के जीवन का अविस्मरणीय क्षण बना दिया।
शिवलिंग का भव्य शृंगार: भस्म से सजी महाकाल की आकृति
आज के भस्म आरती के दौरान, बाबा महाकाल को अत्यधिक सुंदरता से सजाया गया था।
उनका दिव्य रूप चांदी के मुकुट, भस्म की परत, पुष्पों की रंग-बिरंगी मालाओं और चंदन से सजा हुआ था। महाकाल के शृंगार में जो भस्म अर्पित की गई, वह न केवल बाबा की रौद्र शक्ति को दर्शाती है, बल्कि उनके भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति का प्रतीक बनती है। मंदिर में चारों ओर खुशबूदार पुष्पों की महक बिखरी हुई थी, और बाबा का अभिषेक चांदी के प्यालों में विशेष प्रसाद के साथ किया गया।
आरती की महक: बाबा महाकाल के दरबार में शिव भक्तों की उमंग
आरती के समय मंदिर में गूंज रहे मंत्रों, नगाड़ों और घंटों की ध्वनि ने वातावरण को प्रचंड ऊर्जा से भर दिया। मंदिर परिसर में भव्यता और भक्तों की श्रद्धा का संगम कुछ ऐसा था कि मानो पूरी काशी का वातावरण उज्जैन में समाहित हो गया हो। 'हर हर महादेव' के गगनभेदी जयकारे से मंदिर के आंगन में एक अद्भुत आस्था का माहौल बन गया था। पूजा-अर्चना के बीच भस्म और चंदन की आभा बाबा के रूप को और अधिक आकर्षक बना रही थी।
प्रसाद और भोग: भक्तों के लिए दिव्य आशीर्वाद
भस्म आरती के दौरान विशेष भोग अर्पित किया गया था, जिसमें लड्डू, पंचमेवा, सूखा मेवा और अन्य मिठाइयां शामिल थीं। इन प्रसादों को भक्तों में बांटते समय एक अद्भुत आस्था और विश्वास का माहौल था। बाबा की कृपा से मिलने वाला यह प्रसाद भक्तों के जीवन को संतुष्टि और आशीर्वाद से भर देता है। मंदिर परिसर में प्रसाद लेने के लिए लंबी कतारें लगी थीं, लेकिन श्रद्धालु एक-दूसरे को शांतिपूर्वक सांत्वना देते हुए प्रसाद का आनंद ले रहे थे।