MP में लागू होगा फसलवार मंडी मॉडल, श्रीअन्न खरीद की घोषणा, तीन फसलों को मिलेगा GI टैग

Bhopal, MP

मध्यप्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि ढांचे को आधुनिक स्वरूप देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में हुई किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य में फसलवार मंडी मॉडल लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्रीअन्न (रागी, कोदो-कुटकी, मक्का, ज्वार, बाजरा) के उत्पादन को प्रोत्साहन देने और किसानों से सरकार द्वारा श्रीअन्न की सीधी खरीद की घोषणा की है।

श्रीअन्न को मिलेगा सरकारी समर्थन

सीएम ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि तुअर उत्पादक किसानों को अच्छे बीज, उर्वरक और अनुदान जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार श्रीअन्न खरीदने के लिए आगे आएगी, जिससे किसानों को बाज़ार की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

प्रदेश में बनेंगी विशेष फसल मंडियां

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी मंडियों का फसलवार ढांचा तैयार किया जाए। इसके तहत मसाला मंडी, फल-सब्ज़ी मंडी, श्रीअन्न मंडी जैसी विशेष मंडियों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी आवश्यक बताया और कहा कि नई मंडियों की स्थापना के लिए रोडमैप तैयार किया जाए।

मंडियों को बनाया जाएगा आदर्श और आत्मनिर्भर

सीएम यादव ने कहा कि राज्य की कृषि उपज मंडियों को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाया जाए। किसान जब मंडी में अपनी फसल लेकर आए, तो उसे उपयुक्त मूल्य मिले और किसी भी प्रकार की असुविधा हो। मंडी शुल्क की राशि का उपयोग किसानों के कल्याण हेतु हो।

तीन फसलों को मिलेगा GI टैग

राज्य में उत्पादित तीन फसलों—नागदमन मकुटकी (डिंडोरी), सिताही कुटकी और बैंगनी अरहरको बहुत जल्द GI टैग मिलने जा रहा है। कृषि विभाग ने इन फसलों के टैग के लिए परीक्षण रिपोर्ट भेज दी है और सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।

ई-मंडी और डिजीटल रिकार्ड प्रणाली लागू

बैठक में बताया गया कि प्रदेश की सभी 259 मंडियों में अब ई-मंडी योजना लागू कर दी गई है और ई-अनुज्ञा प्रणाली के माध्यम से डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग की जा रही है।

ग्रीष्मकालीन मूंग में हानिकारक रसायनों पर रोक

सीएम ने चिंता जताई कि गर्मियों में मूंग की फसल में खरपतवारनाशकों के अत्यधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि रासायनिक दवाओं के उपयोग को हतोत्साहित किया जाए और प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए।

कृषि मेलों और उद्योग समागमों से मिलेगा किसानों को लाभ

राज्य सरकार ने हर संभाग में कृषि मेलों और कृषि आधारित उद्योग समागमों के आयोजन का निर्णय लिया है। 26 से 28 मई तक नरसिंहपुर में और 8 से 10 जून तक सतना में भव्य कृषि सम्मेलन आयोजित होंगे। इन आयोजनों में कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, आधुनिक तकनीक की जानकारी और स्टार्टअप्स की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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