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विदिशा की गली में विकास ठहर गया: 10 साल से बिना सड़क-बिजली जी रहे लोग, अधिकारी भी मौन
Vidisha, MP
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विदिशा के वार्ड क्रमांक 36 की एक बस्ती ‘जामुन गली’ पिछले दस वर्षों से अंधेरे और कीचड़ से भरी जिंदगी जीने को मजबूर है। यहां न बिजली है, न सड़क, और न ही कोई सरकारी जिम्मेदार आज तक मौके पर पहुंचा।
यह गली बलभद्र स्कूल के सामने स्थित है, जहां लगभग दो दर्जन परिवार रहते हैं। लेकिन, न तो कभी इस इलाके में सड़क का निर्माण हुआ और न ही बिजली की आपूर्ति बहाल की गई। हालत यह है कि यहां रात में गहरी कालिमा छा जाती है और बरसात में रास्ता दलदल बन जाता है।
बिजली का संकट: मीटर हैं, खंभे नहीं
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, दस साल पहले लगे बिजली मीटर भवन निर्माण के दौरान हटाए गए थे, लेकिन लाइन दोबारा नहीं जोड़ी गई। जब बिजली विभाग से संपर्क किया गया तो स्पष्ट कहा गया कि जब तक खंभे खुद के खर्च पर नहीं लगवाए जाएंगे, बिजली नहीं दी जाएगी।
निवासियों का सवाल है – “हम समय पर बिजली बिल भरते हैं, हमारे ऊपर कोई बकाया भी नहीं है, फिर भी हमें खंभे खुद लगाने को कहा जा रहा है?” इसका सीधा अर्थ है कि बिजली विभाग आम जनता पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहा है।
सड़क नहीं, सिर्फ गड्ढे और कीचड़
गली में ना पक्की सड़क है, ना नाली की व्यवस्था। बरसात में गंदा पानी घरों तक पहुंच जाता है। बुजुर्ग, महिलाएं और स्कूली बच्चे हर दिन कीचड़ और फिसलन भरे रास्तों से होकर गुजरते हैं। बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं।
विधायक से शिकायत, आश्वासन तो मिला, समाधान नहीं
जब स्थानीय विधायक मुकेश टंडन से इस समस्या की शिकायत की गई, तो उन्होंने विद्युत आपूर्ति अधिकारी को फोन कर तत्काल व्यवस्था करने का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। पार्षद को भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन नतीजा वही “फाइल चल रही है” वाला जवाब।
स्थानीय लोगों की पीड़ा
स्थानिक निवासी रामकुमार विश्वकर्मा कहते हैं,
"हमारे बच्चे बिना लाइट के पढ़ाई करते हैं, बरसात में घर के बाहर निकलना भी मुश्किल है। हमने हर स्तर पर आवेदन दिए, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।"
वहीं गृहिणी रुक्मिणीबाई कहती हैं,
"बिजली नहीं है, रास्ता नहीं है। कई बार लोग गिर चुके हैं कीचड़ में। वोट मांगने सब आते हैं, पर काम कोई नहीं करता।"
प्रशासनिक चुप्पी: जन प्रतिनिधि भी असहाय
वार्ड 36 की यह गली आज शासन-प्रशासन की लापरवाही की जीती-जागती मिसाल बन चुकी है। इस गली में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं, जबकि शासन का दावा है कि "हर वार्ड में विकास हो रहा है।"
क्या है मांग?
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तत्काल बिजली आपूर्ति की बहाली
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सरकारी खर्चे पर बिजली खंभे लगाए जाएं
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गली की सड़क पक्की की जाए
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नाली और जलनिकासी व्यवस्था बने
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स्थानीय पार्षद और निगम अधिकारी मौके पर आकर निरीक्षण करें