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घटिया हेलमेट से मिलेगा छुटकारा! केंद्र सरकार का राज्यों को अल्टीमेटम — गैर-बीआईएस हेलमेट बेचने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
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मोटरसाइकिल सवारों के लिए राहतभरी खबर है। अब उन्हें घटिया और जानलेवा हेलमेट से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे गैर-प्रमाणित यानी बिना BIS सर्टिफिकेशन वाले हेलमेट बेचने और बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की ओर से जारी आधिकारिक बयान में साफ कहा गया है कि देशभर में केवल BIS प्रमाणित यानी ISI मार्क वाले हेलमेट ही बेचे जाएं। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू कर रखा है।
21 करोड़ दोपहिया वाहन और सुरक्षा का सवाल
देश की सड़कों पर इस समय करीब 21 करोड़ दोपहिया वाहन दौड़ रहे हैं, ऐसे में सरकार का मानना है कि चालकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मंत्रालय ने यह भी कहा कि घटिया हेलमेट की बिक्री न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर आमजन की जान से खिलवाड़ है।
सड़क किनारे बिक रहे हैं अवैध हेलमेट
सरकार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सड़क किनारे और छोटी दुकानों पर बिक रहे सैकड़ों हेलमेट बिना BIS प्रमाणन के हैं। यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाओं में कई बार मौत का बड़ा कारण यही घटिया हेलमेट बनते हैं।
BIS की रेड और जब्ती अभियान
BIS द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में देशभर में 500 से ज्यादा हेलमेट सैंपल की जांच की गई, जिनमें मानक चिह्न के दुरुपयोग के कई मामले सामने आए।
👉 30 से ज्यादा जगहों पर छापे पड़े
👉 दिल्ली में 9 हेलमेट कंपनियों से 2,500 से ज्यादा अवैध हेलमेट जब्त
👉 17 खुदरा दुकानों से 500 हेलमेट बरामद
इन मामलों में कई कंपनियों के लाइसेंस या तो समाप्त हो चुके थे या रद्द कर दिए गए थे।
सभी जिलों में कलेक्टरों को आदेश
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सभी DM और कलेक्टरों को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई और विशेष अभियान शुरू करने को कहा है। साथ ही BIS के लोकल कार्यालयों को पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर संचालित कार्रवाई को नियमित रूप से जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
अब हेलमेट केवल दिखावे का नहीं, सुरक्षा का होगा। सरकार का साफ संदेश है— गैर-मानक हेलमेट अब नहीं चलेंगे। यह कदम न सिर्फ सड़कों को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि लाखों जानें बचाने में भी मददगार साबित होगा।