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आज देवशयनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग का विशेष संयोग, शुरू हो रहा गौरी व्रत; जानिए 6 जुलाई का पंचांग और धार्मिक महत्व
Dharm Desk

आज 06 जुलाई 2025, रविवार का दिन आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को समर्पित है, जिसे देवशयनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
यह दिन भगवान विष्णु की आराधना, पुण्य कार्य, व्रत-उपवास और धनदायक गतिविधियों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। आज से गौरी व्रत की भी शुरुआत हो रही है, वहीं विशेष संयोग के रूप में त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है, जो शुभ कार्यों को तीन गुना फल देने वाला माना जाता है।
पंचांग - 6 जुलाई 2025 (रविवार)
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विक्रम संवत: 2081
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मास: आषाढ़
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पक्ष: शुक्ल
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तिथि: एकादशी
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दिन: रविवार
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नक्षत्र: विशाखा
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योग: साध्य
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करण: वणिज
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चंद्र राशि: तुला
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सूर्य राशि: मिथुन
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सूर्योदय: सुबह 05:59 बजे
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सूर्यास्त: शाम 07:29 बजे
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चंद्रोदय: दोपहर 3:38 बजे
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चंद्रास्त: रात 2:07 बजे (7 जुलाई)
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राहुकाल: शाम 5:47 से 7:29 बजे तक
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यमगंड: दोपहर 12:44 से 2:25 बजे तक
धार्मिक महत्व और विशेष योग
देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का शुभारंभ भी माना जाता है। आज के दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं, और चार महीने तक विवाह एवं मांगलिक कार्यों पर विराम लगता है।
आज त्रिपुष्कर योग का विशेष संयोग है, जो किए गए अच्छे कार्यों के तीन गुना फल देता है। यह योग शुभारंभ, निवेश, खरीदारी, व्रत, पूजा, दान-पुण्य आदि के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
नक्षत्र विशेष
आज चंद्रमा तुला राशि में और विशाखा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। यह नक्षत्र इन्द्राग्नि देवताओं का प्रतिनिधित्व करता है और मिश्रित प्रकृति का होता है।
विशाखा नक्षत्र में नियमित कार्यों की शुरुआत, घरेलू निर्णय, और पेशेवर जिम्मेदारियों के हस्तांतरण जैसे कार्य शुभ माने गए हैं।
क्या न करें? – वर्जित समय पर ध्यान दें
आज शाम 5:47 से 7:29 तक राहुकाल रहेगा, इस समय कोई भी नया या शुभ कार्य टालना बेहतर रहेगा।
इसी तरह यमगंड काल दोपहर 12:44 से 2:25 तक रहेगा। इन समयों में धार्मिक अनुष्ठान, निवेश या नई शुरुआतों से परहेज करें।