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MP में आर्थिक गड़बड़ियों पर सख्ती: सभी विभागों को जमा धनराशि का ब्यौरा देने के निर्देश
Bhopal, MP
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मध्यप्रदेश सरकार राज्य में आर्थिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गई है। इसी क्रम में वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों से उनके बैंक खातों में जमा राशि का पूर्ण विवरण तलब किया है। साथ ही आगामी वित्तीय आवश्यकताओं और लंबित ऋण-अग्रिम की जानकारी भी समय पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
वित्त विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सरकार को 31 मार्च 2025 की स्थिति में सभी विभागों की वित्तीय स्थिति की विस्तृत जानकारी चाहिए। यह कवायद न सिर्फ बजटीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि राज्य की ऑडिट रिपोर्ट को भी सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
विभागों को दी गई अंतिम चेतावनी
बजट संचालक द्वारा सभी एसीएस, प्रमुख सचिवों, सचिवों और विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर कहा गया है कि वर्ष 2024-25 के खर्च और विभागीय जमा राशियों की जानकारी पहले भी मांगी गई थी, और इसके लिए 2 मई तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि, अधिकांश विभागों से जानकारी अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
वित्त विभाग ने तीन दिन के भीतर सभी वित्तीय विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। इसके उपरांत विभागीय वित्तीय सलाहकारों और अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्राप्त जानकारी की समीक्षा की जाएगी।
भविष्य की योजनाओं के लिए अनुमान जरूरी
सरकार का मानना है कि बजट में प्रस्तावित नई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विभागों द्वारा अग्रिम योजना और धनराशि की स्थिति स्पष्ट होना जरूरी है। इसी उद्देश्य से भविष्य में संभावित वित्तीय आवश्यकताओं का आकलन भी मांगा गया है।
क्या है सरकार की मंशा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल प्रदेश में वित्तीय अनियमितताओं पर नियंत्रण के लिए एक अहम कदम है। विभागीय फंडिंग में पारदर्शिता से न केवल योजनाओं की कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि आमजन का भरोसा भी शासन व्यवस्था पर मजबूत होगा।