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जबलपुर फेक करंसी मामला: किराए के मकान में चलता था नकली नोटों का कारखाना, दो आरोपी गिरफ्तार
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मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली नोटों के कारोबार का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो एक किराए के मकान में ही नकली नोट छापने का गिरोह चला रहे थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी लैपटॉप से नोटों का डिजाइन तैयार कर, कलर प्रिंटर से प्रिंटिंग कर नकली नोटों की सप्लाई किया करते थे।
घर ही बना रखा था नोट छापने का कारखाना
पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने से कलर प्रिंटर, लैपटॉप, खास कागज, रंग, कटर और तैयार नकली नोट बरामद किए हैं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी पिछले 6 से 7 महीनों से इस अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे। तकनीकी रूप से नोट इतने सफाई से बनाए जा रहे थे कि आम लोग असली और नकली में फर्क नहीं कर पाते।
पहले से गिरफ्तार आरोपी से खुला पूरा रैकेट
इस मामले की शुरुआत सोमवार को हुई जब हनुमानताल थाना पुलिस ने रवि दाहिया नामक युवक को 3 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। उसके पास से 500-500 के नोटों की गड्डियां बरामद की गईं थीं जो वह एक बैग में छिपाकर घूम रहा था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि नकली नोट उसे ऋतुराज नामक व्यक्ति ने दिए थे।
25 हजार में बेचता था 3 लाख के नकली नोट
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ऋतुराज नकली नोटों को बेहद कम दाम पर बेचता था। उसने रवि दाहिया को 25 हजार रुपए में 3 लाख के नकली नोट बेचे थे। पुलिस के अनुसार ऋतुराज ऐसे लोगों को टारगेट करता था जो कम पढ़े-लिखे होते हैं या मजबूरी में ऐसे गैरकानूनी कामों के लिए तैयार हो जाते हैं।
पुलिस कर रही नेटवर्क की गहराई से जांच
पुलिस फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितना बड़ा है और अब तक किन-किन इलाकों में नकली नोट सप्लाई किए जा चुके हैं। जांच में सामने आया है कि ये लोग स्टैंडर्ड कागज का इस्तेमाल करते थे ताकि नकली नोट असली जैसे लगें।