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सिकल सेल मुक्त भारत की ओर मध्यप्रदेश का बड़ा कदम: 33 जिलों में विशेष शिविर, बड़वानी में राज्य स्तरीय आयोजन
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विश्व सिकल सेल दिवस (19 जून) के अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के 33 सिकल सेल प्रभावित जिलों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित करेगी। इस अवसर पर राज्य स्तरीय मुख्य समारोह बड़वानी में आयोजित होगा, जिसमें राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सिकल सेल मुक्त भारत 2047” संकल्प को साकार करने की दिशा में एक अहम पहल है।
शादी से पहले कुंडली नहीं, सिकल सेल कार्ड जरूर मिलाएं: उपमुख्यमंत्री
जनता से जागरूकता की अपील करते हुए उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा, “कुंडली मिले या न मिले, लेकिन विवाह से पहले सिकल सेल कार्ड जरूर मिलाएं।” उन्होंने बताया कि यदि दूल्हा और दुल्हन दोनों सिकल सेल वाहक हैं, तो उनके बच्चों में इस रोग के गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना काफी अधिक होती है।
क्या है सिकल सेल रोग और क्यों है यह खतरनाक?
सिकल सेल एक आनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कणिकाएं अर्द्ध चंद्राकार हो जाती हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है, जिससे रोगी को असहनीय दर्द, बार-बार संक्रमण और अंग क्षति जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। यह रोग विशेष रूप से जनजातीय समुदायों में ज्यादा पाया जाता है, जो मध्यप्रदेश जैसे राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
सभी 33 जिलों में स्क्रीनिंग से लेकर उपचार तक की सुविधाएं
राज्य के 33 सिकल सेल प्रभावित जिलों में परामर्श, स्क्रीनिंग, उपचार और दवा वितरण के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में मुफ्त जाँच और रोग प्रबंधन सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।
1 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग, देश में अव्वल मध्यप्रदेश
अब तक राज्य में 1 करोड़ 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें 2 लाख से ज्यादा वाहक और 29,277 रोगी चिह्नित किए गए हैं। सरकार ने 80 लाख 9 हजार से अधिक सिकल सेल कार्ड वितरित किए हैं, जबकि 26,115 मरीजों को हाइड्रोक्सी यूरिया दवा से इलाज मुहैया कराया गया है।