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पचमढ़ी अभयारण्य का बदला नाम, बना 'राजा भभूत सिंह वन अभ्यारण', CM की कैबिनेट से विकास की नई सौगातें
पचमढ़ी, मध्यप्रदेश।

सतपुड़ा की वादियों में सोमवार को हुई मध्यप्रदेश सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक कई मायनों में खास रही।
रिमझिम बारिश के बीच राजभवन पचमढ़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पचमढ़ी वन्य जीव अभ्यारण्य का नाम बदलकर राजा भभूत सिंह वन अभ्यारण करने का ऐलान किया गया। यह निर्णय सतपुड़ा के जननायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा भभूत सिंह को समर्पित है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह कैबिनेट सिर्फ बैठक नहीं, बल्कि जननायकों को नमन करने का माध्यम है। हम उनके नाम पर क्षेत्र का विकास करेंगे। इसी क्रम में पूर्व बाल उद्यान का नाम भी बदलकर राजा भभूत सिंह उद्यान कर दिया गया।
प्रमुख घोषणाएं:
राजस्व विभाग में बड़ा बदलाव:
अब लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर और कमिश्नर का पद एकीकृत किया जाएगा। इसके साथ ही 500 पदों को हटाकर 1200 नए पदों की भर्ती की जाएगी, जिसमें IT योग्यताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
इंदौर मेट्रो पहुँचेगी उज्जैन:
सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो को उज्जैन तक विस्तारित करने का निर्णय हुआ है।
श्रम कानून में बदलाव:
ठेका श्रमिकों की संख्या 20 से बढ़ाकर 50 करने और हाथ से कार्यरत श्रमिकों की संख्या 40 तक करने का निर्णय लिया गया है। लेबर लॉ में बदलाव के जरिए श्रमिकों को बेहतर संरक्षण देने की बात कही गई।
विधायकों और सांसदों का प्रशिक्षण शिविर:
14 से 16 जून तक पचमढ़ी में मंत्री, सांसद और विधायकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री की भावनात्मक अपील:
CM मोहन यादव ने पचमढ़ी की खूबसूरती की तारीफ करते हुए कहा, "जो पचमढ़ी नहीं आया, उसका जीवन अधूरा है।" उन्होंने इसे "मध्यभारत का कश्मीर" बताते हुए इस नैसर्गिक स्थल के विकास की बात दोहराई।
'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का शुभारंभ:
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण किया। इस अभियान को जननायक राजा भभूत सिंह की स्मृति से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया।