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मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी: प्रति एक लाख प्रसव पर 159 माताओं की मौत
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भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल की नई रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की मातृ मृत्यु दर (MMR) को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रदेश में एक लाख प्रसव पर 159 माताओं की जान चली जाती है, जो कि राष्ट्रीय औसत 88 के मुकाबले लगभग दोगुना है। यह स्थिति मध्यप्रदेश को देश में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु दर वाला राज्य बना देती है।
रिपोर्ट के आंकड़े गंभीर, फिर भी मामूली सुधार
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी 2020-22 की रिपोर्ट के अनुसार:
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मध्यप्रदेश: 159 मातृ मृत्यु / एक लाख प्रसव
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राष्ट्रीय औसत: 88
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अन्य राज्यों की स्थिति:
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बिहार: 91
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राजस्थान: 87
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गुजरात: 55
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महाराष्ट्र: 36
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केरल: सिर्फ 18
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हालांकि पिछली रिपोर्ट (2019-21) से तुलना करें तो एमपी में मामूली सुधार हुआ है।
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2019-21: 175
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2020-22: 159
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 93 से घटकर 88 हुआ है।
राज्य सरकार चला रही कई योजनाएं, फिर भी हालात चिंताजनक
राज्य सरकार ने मातृ और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें शामिल हैं:
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गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण और चार बार स्वास्थ्य जांच
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एनिमिया व डायबिटीज की स्क्रीनिंग
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संबल योजना के तहत पोषण आहार हेतु वित्तीय सहायता
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प्रसवपूर्व और प्रसवोपरांत देखरेख
सरकार ने इस क्षेत्र के लिए बजट में भी वृद्धि की है:
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2024-25: ₹3531 करोड़
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2025-26: ₹4418 करोड़
इसके बावजूद प्रसव के दौरान सुविधाओं की कमी, ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संसाधनों की अनुपलब्धता और जागरूकता की कमी अभी भी बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं।