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मध्यप्रदेश में मानसून का कहर: सड़कों पर बह रही नदियां, गांवों का टूटा संपर्क, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश में सक्रिय मानसून सिस्टम ने तबाही के हालात पैदा कर दिए हैं। बीते दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को बाढ़ जैसी स्थिति में धकेल दिया है। सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, जबलपुर, सागर और दमोह जिलों में तेज़ बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है, वहीं नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
तीन मानसूनी सिस्टम से बिगड़े हालात
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मध्यप्रदेश में एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग मानसूनी सिस्टम एक साथ सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर एरिया, दक्षिण-पश्चिम हवाएं और मध्य भारत में द्रोणिका ने मिलकर भारी से अति भारी बारिश की परिस्थितियां बना दी हैं। इसका असर 4 से 7 जुलाई तक पूरे प्रदेश में महसूस किया जाएगा।
भारी बारिश से प्रभावित ज़िले और चेतावनी
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ऑरेंज अलर्ट: जबलपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया, शहडोल, कटनी, अनूपपुर, सिंगरौली
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येलो अलर्ट: भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन
इन जिलों में 6 से 8 इंच तक बारिश की संभावना है। इसके साथ ही बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी भी दी गई है।
जमीन पर हालात: कहां क्या स्थिति है
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उमरिया: मात्र 9 घंटे में साढ़े 3 इंच बारिश दर्ज हुई। बांधवगढ़ क्षेत्र की सड़कों पर पानी भर गया है और कुछ गांवों का संपर्क टूट गया है।
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शहडोल: जलभराव ने शहर के 40% हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। नाले उफान पर हैं और कई घरों में पानी घुस गया है।
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कटनी-अनूपपुर: लगातार बारिश ने गांवों और सड़कों के बीच की कड़ी तोड़ दी है। बिजली आपूर्ति भी कई इलाकों में बाधित है।
प्रशासन हाई अलर्ट पर, राहत कार्य जारी
राज्य सरकार ने संबंधित ज़िलों के प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन दलों को तैनात किया गया है और आवश्यक स्थानों पर राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे घरों में सुरक्षित रहें और जलभराव वाले इलाकों में न जाएं।
अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण:
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दो दिन और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। लगातार बारिश से नदियों और डैमों में जलस्तर बढ़ने की आशंका है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति और गहरा सकती है।