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राजगढ़ में शादी में खतरनाक हादसा, नाइट्रोजन गैस से बच्ची की जान गई
Rajgarh, MP

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक शादी समारोह के दौरान एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक सात साल की बच्ची की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब दूल्हा-दुल्हन रॉयल एंट्री के लिए स्मोक फायर (सफेद धुआं) के उपयोग के दौरान एक नाइट्रोजन गैस का जार गिर गया, और पास में खड़ी बच्ची इसकी चपेट में आ गई।
जानकारी के अनुसार, बाढ़गांव निवासी सात साल की वाहिनी 6 मई को अपने परिवार के साथ खुजनेर में आयोजित एक शादी में शामिल होने आई थी। दूल्हा-दुल्हन की एंट्री के दौरान स्मोक फायर बनाने के लिए नाइट्रोजन गैस का उपयोग किया गया था। यह गैस एक विशेष बर्तन में भरी गई थी, और इसे गरम पानी में डाला गया था, जिससे सफेद धुआं निकलने लगा था। इस दौरान वाहिनी बच्ची खेलते-खेलते उस बर्तन के पास आ गई, और अचानक वह जार गिर गया।
नाइट्रोजन गैस का तापमान माइनस 5 डिग्री सेल्सियस था, जिससे बच्ची के फेफड़े और नसें सिकुड़ने लगीं। आनन-फानन में परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी स्थिति गंभीर होने के कारण उसे इंदौर रेफर किया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी।
वाहिनी की मौत से उसके माता-पिता का दिल टूट गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समाज को एक बड़ा संदेश दिया। उन्होंने अपनी बिटिया के नेत्र दान करने का निर्णय लिया, ताकि उसकी आंखें किसी और की रोशनी बन सकें। पिता राजेश गुप्ता ने कहा, "हमारी बिटिया तो नहीं रही, लेकिन अब उसकी आंखें किसी और के जीवन को रोशन करेंगी।"
स्मोक फायर का उपयोग इन दिनों शादियों में एक ट्रेंड बन चुका है, जहां दूल्हा-दुल्हन की एंट्री को खास बनाने के लिए यह धुआं तैयार किया जाता है। आमतौर पर ड्राइ आइस का उपयोग किया जाता है, लेकिन यहां नाइट्रोजन का उपयोग किया गया था, जो काफी ठंडा होता है और गलत तरीके से उपयोग होने पर खतरनाक हो सकता है।
यह हादसा समाज के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे खतरनाक उपकरणों का उपयोग करते समय सुरक्षा के सभी उपायों को सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।