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भोपाल रेप-ब्लैकमेलिंग केस: NCW की रिपोर्ट में बड़े आपराधिक गिरोह और जबरन धर्मांतरण की आशंका, सीएम को सौंपी जांच रिपोर्ट
BHOPAL, MP

भोपाल में कॉलेज छात्राओं के साथ हुए कथित रेप और ब्लैकमेलिंग केस में नेशनल कमीशन फॉर वूमेन (NCW) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
रिपोर्ट में न सिर्फ यौन शोषण, बल्कि ड्रग्स, जबरन धर्मांतरण और संगठित अपराध के गंभीर पहलुओं की आशंका जताई गई है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल को सौंपी गई है, जिसमें पीड़िताओं को त्वरित न्याय और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
लग्जरी गिफ्ट और नशे के जाल में फंसाकर दुष्कर्म
NCW की जांच टीम के अनुसार, आरोपियों ने कॉलेज छात्राओं को महंगे तोहफों और लग्जरी गाड़ियों का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। फिर नशा खिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया गया और अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। पीड़िताओं को धमकी दी गई कि अगर वे अन्य छात्राओं को भी आरोपियों के जाल में नहीं फंसाएंगी तो उनके वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे।
जबरन धर्मांतरण और बाहरी नेटवर्क से संबंधों की जांच जरूरी
जांच में सामने आया कि कुछ मामलों में पीड़िताओं पर धर्म बदलवाने का दबाव भी बनाया गया। आरोपियों की जीवनशैली सामान्य आर्थिक स्थिति से मेल नहीं खाती थी, जिससे ड्रग तस्करी या किसी बड़े आपराधिक गिरोह से उनके संबंध होने की आशंका जताई गई है।
तीन सदस्यीय टीम ने की विस्तृत जांच
NCW की तीन सदस्यीय टीम — पूर्व IPS अधिकारी निर्मल कौर, वकील निर्मला नायक और अंडर सेक्रेटरी आशुतोष पांडे ने 3 से 5 मई के बीच भोपाल का दौरा किया। उन्होंने पीड़िताओं, उनके परिजनों, पुलिस अधिकारियों और कॉलेज प्रशासन से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की।
सरकारी संसाधनों और बाहरी फंडिंग की भी जांच की मांग
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि राज्य सरकार इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कराए। विशेष रूप से यह देखा जाए कि क्या इस नेटवर्क को किसी तरह की बाहरी फंडिंग मिल रही है। साथ ही, वैचारिक प्रभाव और निजी संस्थानों द्वारा सरकारी योजनाओं, जमीन और शिक्षा निधियों के दुरुपयोग की संभावना की भी जांच होनी चाहिए।
कठोर कार्रवाई की मांग
NCW ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार से मांग की है कि पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। यह मामला न केवल यौन अपराध का है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की गहरी साजिश का भी संकेत देता है।