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रोजाना करें वृक्षासन, पाएं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के ये चौंकाने वाले फायदे
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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में स्वस्थ रहना चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में योग न सिर्फ शरीर को फिट रखने का माध्यम है, बल्कि मानसिक संतुलन बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका भी बन चुका है।
अगर आप दिनभर की थकान, तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं, तो रोजाना कुछ मिनट वृक्षासन यानी Tree Pose को अपने रूटीन में ज़रूर शामिल करें।
क्या है वृक्षासन (Tree Pose)?
वृक्षासन एक ऐसा योगासन है जिसमें व्यक्ति एक पैर पर खड़ा होकर दूसरे पैर को मोड़कर जांघ पर रखता है और हाथों को सिर के ऊपर जोड़कर "नमस्कार मुद्रा" में ले जाता है। यह आसन देखने में जितना सरल लगता है, उतना ही फोकस, संतुलन और धैर्य की आवश्यकता होती है।
वृक्षासन के 6 जबरदस्त फायदे
1. बेहतर संतुलन और स्थिरता
इस आसन में एक पैर पर खड़े होकर बैलेंस बनाना होता है, जिससे शरीर की स्थिरता और मानसिक संतुलन में सुधार होता है। यह खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों के लिए फायदेमंद है।
2. एकाग्रता और मानसिक फोकस में वृद्धि
वृक्षासन करते समय मानसिक रूप से पूरी तरह फोकस रहना जरूरी होता है। नियमित अभ्यास से कंसंट्रेशन बढ़ता है, जिससे पढ़ाई, काम और जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी प्रदर्शन बेहतर होता है।
3. पोस्चर को बनाए सुंदर और सुडौल
इस योगासन से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और शरीर का पोस्चर सुधरता है। लगातार अभ्यास से शरीर में लचीलापन और मजबूती दोनों आते हैं।
4. तनाव में राहत
Tree Pose करने से दिमाग शांत होता है और स्ट्रेस हार्मोन में कमी आती है। यह मेडिटेशन की तरह काम करता है जिससे तनाव, चिड़चिड़ापन और बेचैनी में राहत मिलती है।
5. टांगों और जांघों की मांसपेशियां होंगी मजबूत
एक पैर पर खड़े रहना टांगों, जांघों और टखनों की मांसपेशियों को एक्टिव करता है। इससे निचले शरीर में ताकत और मजबूती आती है।
6. शरीर को नुकसान से बचाता है सही पोस्चर
वृक्षासन करते समय सही मुद्रा बहुत जरूरी है। गलत तरीके से किया गया आसन पीठ, घुटनों या टखनों पर असर डाल सकता है। इसलिए इसे करते समय ध्यानपूर्वक मुद्रा अपनाएं और जरूरत पड़ने पर योग विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लें।
ध्यान देने योग्य बातें:
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सुबह खाली पेट या शाम को खाने के 3 घंटे बाद करें।
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शुरुआत में दीवार या कुर्सी का सहारा लें।
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अगर किसी को घुटने, टखने या रीढ़ की हड्डी में समस्या हो तो डॉक्टर या योग गुरु से सलाह लेकर ही अभ्यास करें।