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नीमच में लापरवाही पर सख्त एक्शन: CMO और सब इंजीनियर सस्पेंड, सहायक यंत्री का वेतन रोका
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नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की योजनाओं में लापरवाही पर आयुक्त संकेत भोंडवे ने सख्त रुख अपनाते हुए नीमच के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) महेंद्र वशिष्ठ और उपयंत्री अम्बालाल मेघवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही सहायक यंत्री अभिलाषा चौरसिया के एक माह के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
आयुक्त भोंडवे ने अमृत 2.0 योजना सहित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह कार्रवाई की। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ठेकेदारों पर भी कस सकता है शिकंजा
आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिन नगरीय निकायों में कार्यों में देरी हो रही है, वहां ठेकेदारों को अनुबंध के आधार पर नोटिस जारी किया जाए और जरूरत पड़ने पर अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई हो। साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण को प्राथमिकता देने और जलप्रदाय योजनाओं की लंबित डिजाइनों को त्वरित स्वीकृति देने के निर्देश भी जारी किए गए।
लंबित डीपीआर और बिलों पर जोर
भोंडवे ने जबलपुर सीवरेज परियोजना की डीपीआर को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत कराने की बात कही। उन्होंने एक से दस लाख की जनसंख्या वाले नगर निकायों के लंबित बिलों का तत्काल भुगतान कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र जल्द प्राप्त करने के निर्देश भी दिए।
जल संकट समाधान के लिए समन्वय की जरूरत
आयुक्त ने जल निगम और जल संसाधन विभाग को आपसी समन्वय स्थापित कर पेयजल स्रोतों की समस्याओं का शीघ्र समाधान निकालने पर बल दिया। उन्होंने वर्षाकाल प्रारंभ होने से पूर्व इंटकवेल निर्माण, मृदा परीक्षण और भूमि स्वामित्व से जुड़े दस्तावेजों को समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए।
पीएम आवास योजना पर विशेष फोकस
आयुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 की समीक्षा में कई जिलों की प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि 15 दिन के भीतर मिशन मोड में शिविर आयोजित कर लंबित आवेदनों का सत्यापन, जियो टैगिंग और निर्माण कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने संयुक्त संचालकों और संभागीय अधिकारियों को कलेक्टरों से समन्वय बनाकर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
कायाकल्प और स्वच्छता योजनाओं की धीमी रफ्तार पर नाराजगी
कायाकल्प योजना की धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए भोंडवे ने कहा कि 2023-24 में स्वीकृत योजना की अब तक सिर्फ 62% प्रगति हुई है, जबकि यह 80% तक होनी चाहिए थी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी स्वीकृत कार्य तत्काल प्रारंभ कर समय-सीमा में पूर्ण किए जाएं और गुणवत्ता से समझौता न हो।
दस वर्षीय स्वच्छता योजना तैयार करने का निर्देश
भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, भोपाल में आयोजित एक कार्यशाला में आयुक्त भोंडवे ने कहा कि नगरीय निकायों को आगामी 10 वर्षों के लिए स्वच्छता की कार्ययोजना तैयार करनी होगी। इस अवसर पर उन्होंने क्षमतावर्धन की रणनीति बनाने और राज्य स्तर पर चयनित स्वच्छता नॉलेज पार्टनर्स से संवाद के महत्व पर भी जोर दिया।