ओंकारेश्वर में पांच दिवसीय एकात्मक पर्व का समापन: शंकराचार्य की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प

Khandwa

आदि गुरु शंकराचार्य की 2,534वीं जयंती के उपलक्ष्य में ओंकारेश्वर में आयोजित पांच दिवसीय “एकात्मक पर्व” का गुरुवार को भव्य समापन हुआ। प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का उद्देश्य शंकराचार्य की एकात्म विचारधारा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना रहा।

 समापन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने एकात्मता की जो कल्पना की थी, वह आज शासन की नीति और कार्यशैली का हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने ऐलान किया कि अब हर वर्ष एकात्मधाम में विशेष आयोजन किया जाएगा और 1 दिसंबर को गीता जयंती को राज्य स्तर पर पर्व के रूप में मनाया जाएगा।

शंकराचार्य के बिना हिन्दू धर्म अधूरा होता: अवधेशानंद गिरि

समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने शंकराचार्य को “समग्रता के प्रतीक” बताते हुए कहा, “यदि शंकराचार्य नहीं होते, तो शायद हम हिंदू भी न होते। उन्होंने भारतीय संस्कृति को वैदिक, भक्ति और वेदान्त के माध्यम से जोड़ने का कार्य किया।” उन्होंने एकात्मधाम को भारत की संस्कृति, दर्शन और मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन का केंद्र बताया।

स्वामी जी ने कहा, “गाय के बिना गति नहीं और गीता के बिना मति नहीं। सरकार को चाहिए कि गीता के संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाए ताकि समाज दिशा और विवेक दोनों पा सके।”

एकात्मधाम बनेगा शंकराचार्य विचारधारा का केंद्र

आचार्य शंकर संस्कृति न्यास द्वारा विकसित किए जा रहे एकात्मधाम की व्यापक रूपरेखा पर भी आयोजन में प्रकाश डाला गया। तिरुपति से आए विद्वान कुटुंब शास्त्री ने बताया कि यह आयोजन शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन को फैलाने का सशक्त माध्यम बन रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है।

500 युवाओं ने लिया दीक्षा, करेंगे विचारों का प्रसार

कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित दीक्षा समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों – दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, आंध्रप्रदेश आदि – से आए लगभग 500 युवाओं ने भाग लिया। विदितात्मानंद सरस्वती जी ने उन्हें शंकराचार्य के विचारों को अपनाकर सेवा, परोपकार और आत्मिक एकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर राज्य के कैबिनेट मंत्री विजय शाह, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, मांधाता विधायक नारायण पटेल समेत अनेक विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे।

एकात्मक पर्व का यह आयोजन ओंकारेश्वर को धार्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से एक नई ऊंचाई देने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ।

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