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भोपाल में तहसीलदार-नायब तहसीलदार आज लौट सकते हैं काम पर, 6 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग
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भोपाल में तहसीलदार और नायब तहसीलदार 6 अगस्त से काम बंद करने के बाद सोमवार को काम पर लौट सकते हैं। यह फैसला मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव के बीच हुई मुलाकात के बाद लिया जाएगा।
काम न करने के कारण अकेले भोपाल में ही 6 हजार से अधिक केस पेंडिंग हो गए हैं। इनमें ज्यादातर मामले आमजनों से सीधे जुड़े हैं। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद्र कुंभकार ने बताया कि आज की बैठक में काम पर लौटने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पेंडिंग केसों की चुनौती
भोपाल में रोजाना करीब 500 नए मामले आते हैं, जिनमें नामांतरण, सीमांकन, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस से जुड़े केस शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 300 प्रकरणों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। केवल दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ीं, जिससे पेंडिंग केसों की संख्या अब 6 हजार तक पहुंच गई।
राजस्व अधिकारियों ने काम बंद करते समय अपने सरकारी वाहन भी लौट दिए थे।
न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्य में विभाजन पर नाराजगी
भोपाल के बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलों में अधिकारियों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में अलग किया गया है। फिल्ड में काम कर रहे अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे और न्यायिक अधिकारी फिल्ड में नहीं हैं। इसी विभाजन के कारण अधिकारी नाराज हैं।
मंत्री और अफसरों को पहले भी रखी शिकायत
मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने इस समस्या को पहले ही राजस्व मंत्री वर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखा था। पहले यह व्यवस्था 12 जिलों में 3 महीने के पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लागू की गई थी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में इसे बढ़ा दिया गया। इसी बदलाव के चलते संघ ने 6 अगस्त से विरोध शुरू किया था।