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13 दिन बाद काम पर लौटे तहसीलदार-नायब तहसीलदार, 6 हजार पेंडिंग केस निपटाना होगी पहली चुनौती
Bhopal, MP

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 13 दिन से बंद पड़ा तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का काम मंगलवार से दोबारा शुरू हो गया।
ये अधिकारी न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के बंटवारे को लेकर 6 अगस्त से काम बंद कर विरोध पर बैठे थे। सोमवार देर रात राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद उन्होंने आंदोलन खत्म करने और काम पर लौटने का निर्णय लिया।
6 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग
काम बंद रहने से भोपाल में करीब 6 हजार से अधिक केस पेंडिंग हो गए हैं। अब तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन मामलों को प्राथमिकता से निपटाने की होगी।
रोजाना आते हैं 500 से ज्यादा मामले
नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस जैसे मामलों की संख्या भोपाल में रोजाना 500 से ज्यादा रहती है। इसके अलावा हर दिन करीब 300 प्रकरणों की सुनवाई भी तहसीलदार-नायब तहसीलदार करते हैं। इस वजह से दो हफ्तों में ही हजारों मामलों की सुनवाई टल गई।
न्यायिक और गैर-न्यायिक काम को लेकर था विवाद
भोपाल की बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलों में अधिकारियों को न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों में बांट दिया गया था। इसका विरोध करते हुए तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 8 मांगों को लेकर आंदोलन किया था।
7 मांगों पर बनी सहमति
राजस्व मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से हुई चर्चा में 8 में से 7 मांगों पर सहमति बन गई, जिसके बाद अधिकारियों ने आंदोलन खत्म कर काम शुरू करने का फैसला किया।