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बालाघाट में खेत पर बाघ का हमला, किसान की दर्दनाक मौत; बांधवगढ़ में भी बढ़ रहे हैं हमले, ग्रामीणों में दहशत
Balaghat

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी रेंज अंतर्गत कुड़वा कॉलोनी के समीप शनिवार सुबह बाघ के हमले में एक किसान की जान चली गई। मृतक की पहचान 45 वर्षीय प्रकाश पाने के रूप में हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वह सुबह खेत में काम कर रहा था, तभी बाघ ने पीछे से उस पर हमला कर दिया और शरीर का निचला हिस्सा खा गया। ग्रामीणों ने पत्थर फेंककर बाघ को भगाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति नाराजगी जताई और वन चौकी का घेराव किया। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले ही वन विभाग को क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में भी बढ़ रही घटनाएं
इस बीच, उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में भी बाघ के हमले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। बीते एक महीने में यहां बाघ ने चार लोगों पर हमला किया है, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है और एक महिला घायल है।
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23 मार्च को चरवाहे पर हमला कर जान ले ली गई।
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2 अप्रैल को चंसूरा बीट में महिला की मौत हुई।
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12 अप्रैल को 12 साल के बच्चे को शिकार बनाया गया।
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28 अप्रैल को महिला रीता बैगा को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि वन विभाग सतर्कता बढ़ाए और जंगल से सटे इलाकों में विशेष निगरानी रखे। पिपरिया गांव के सरपंच राजू ने बाघ को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर करने की मांग की है और मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की अपील की है।
निष्कर्ष
प्रदेश के वनवर्ती क्षेत्रों में बाघों की बढ़ती हलचल अब जानलेवा साबित हो रही है। ऐसे में वन विभाग को निगरानी, सुरक्षा उपाय और जनजागरूकता अभियानों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि जान-माल की हानि रोकी जा सके।