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'Gen Z 212' की लहर: मोरक्को में युवा सड़कों पर, किंग मोहम्मद VI से बड़े बदलाव की उम्मीद
Morocco

नेपाल के बाद अब मोरक्को में भी 'Gen Z' आंदोलन जोर पकड़ रहा है। 'Gen Z 212' नामक इस युवा आंदोलन के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। आज किंग मोहम्मद VI संसद में अहम भाषण देने जा रहे हैं, जिससे युवाओं को बड़े बदलाव की उम्मीद है
मोरक्को में नौजवानों के नेतृत्व में एक नया जन आंदोलन खड़ा हो चुका है, जिसका नाम है 'Gen Z 212' — यह नाम देश के डायलिंग कोड (+212) से प्रेरित है। आंदोलन के तहत हजारों युवा शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। खास बात यह है कि ये युवा पारंपरिक संगठनों के बजाय TikTok, Discord और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए एकजुट हो रहे हैं।
इस जन आक्रोश के बीच किंग मोहम्मद VI आज संसद के उद्घाटन सत्र में एक महत्वपूर्ण भाषण देने जा रहे हैं। युवाओं को उम्मीद है कि उनका यह संबोधन सरकार की नीतियों में बदलाव और उनके मुद्दों को समाधान की दिशा में ले जाएगा।
27 सितंबर से देशभर में विरोध प्रदर्शन
मोरक्को के विभिन्न शहरों में 27 सितंबर से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। आंदोलन के तहत 2030 FIFA वर्ल्ड कप की तैयारियों में हो रहे भारी खर्च का विरोध किया जा रहा है, जबकि मूलभूत सुविधाओं—जैसे स्कूल और अस्पताल—के लिए बेहतर फंडिंग की मांग की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में भ्रष्टाचार, नीतिगत असमानता, और अवसरों की कमी उनके भविष्य को अंधकारमय बना रही है। इस आंदोलन को 2011 की अरब स्प्रिंग के बाद मोरक्को में युवाओं का सबसे बड़ा उभार माना जा रहा है।
किंग को लिखा गया खुला पत्र
आंदोलन से जुड़े युवाओं ने मोरक्को के राजा को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि प्रधानमंत्री अजीज अखनाउच की सरकार को बर्खास्त किया जाए, राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए, और भ्रष्ट नेताओं को सजा दिलाने के लिए एक स्वतंत्र मंच बनाया जाए।
पत्र में लिखा गया:
"हम मोरक्को के नौजवान आपसे गुजारिश करते हैं कि आप निष्पक्ष सुधारों के लिए कदम उठाएं, ताकि लोगों को उनके हक मिलें और भ्रष्ट लोगों को सजा दी जाए।"
किंग मोहम्मद VI से जुड़ी उम्मीदें
कभी ‘गरीबों का राजा’ कहे जाने वाले किंग मोहम्मद VI से अब देश का युवा वर्ग सीधे जवाब और ठोस कदमों की अपेक्षा कर रहा है। इस साल जुलाई में एक भाषण में किंग ने कहा था कि वह तभी संतुष्ट होंगे, जब देश की उपलब्धियां हर वर्ग की जिंदगी को बेहतर बनाएंगी।
गुरुवार को कैसाब्लांका में प्रदर्शन के दौरान 18 वर्षीय कॉलेज छात्र सौफियान ने कहा:
"हमें उम्मीद है कि राजा का भाषण हमारे लिए, मोरक्को के नौजवानों और पूरे देश के लिए अच्छी खबर लाएगा।"
राजा को बताया असली ताकत
गौरतलब है कि मोरक्को में राजा की आलोचना करना कानूनी रूप से अपराध है, लेकिन इसके बावजूद युवा उन्हें ही बदलाव का सबसे बड़ा स्रोत मानते हैं। ड्यूक यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विश्लेषक अब्देसलाम मघरौई का कहना है कि जनता अब खुलेआम कह रही है—"किंग जिंदाबाद," लेकिन यह भी जताया जा रहा है कि असली सत्ता उन्हीं के पास है।
इस आंदोलन को समर्थन देते हुए 60 से अधिक वरिष्ठ बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी एक पत्र लिखा है। उसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को हटाने भर से समाधान नहीं मिलेगा, बल्कि देश की गंभीर और जड़वत समस्याओं को जड़ से हल करना होगा