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‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक, केंद्र को 7 दिन में फैसला लेने के निर्देश
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चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी है।
यह फैसला जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी समेत तीन याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया गया।
याचिका में क्या कहा गया
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में तर्क दिया कि फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले हैं और यह देश के मुसलमानों को बदनाम करने का प्रयास है। फिल्म के कंटेंट को लेकर सांप्रदायिक तनाव की आशंका भी जताई गई।
हाईकोर्ट ने केंद्र को 7 दिन का समय दिया
जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे 2 दिन के भीतर अपनी आपत्तियां केंद्र सरकार के समक्ष दर्ज कराएं। इसके बाद केंद्र सरकार को सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 6 के तहत पुनरीक्षण अधिकारों का प्रयोग करते हुए 7 दिन में निर्णय लेना होगा।
कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र कोई अंतिम निर्णय नहीं ले लेता, तब तक फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।
कन्हैयालाल के बेटे ने जताई नाराजगी
फिल्म पर रोक की खबर के बाद कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने गहरी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा,
“तीन साल बीत चुके हैं, पर मेरे पिता के हत्यारों को अब तक सजा नहीं मिली। लेकिन एक फिल्म की रिलीज पर इतनी जल्दी सुनवाई और रोक लग जाती है।”
11 जुलाई को रिलीज होनी थी फिल्म
‘उदयपुर फाइल्स’ को 11 जुलाई को देशभर में 3500 से ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज किया जाना था। फिल्म के प्रमोशन कार्यक्रम में कन्हैयालाल का परिवार भी शामिल हुआ था। लेकिन अब रिलीज पर अस्थायी विराम लग गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रोकी थी सुनवाई
इससे एक दिन पहले, फिल्म पर रोक लगाने की याचिका आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी।
फिल्म को लेकर विवाद क्यों
फिल्म का ट्रेलर 2022 के कन्हैयालाल हत्याकांड, नूपुर शर्मा विवाद, और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण जैसे विषयों को दर्शाता है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इन दृश्यों से धार्मिक तनाव भड़क सकता है।