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सीमेंट पर जीएसटी घटाकर 18%: बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट को मिलेगी नई रफ्तार
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जीएसटी परिषद ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए सीमेंट पर कर दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। उद्योग जगत ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न केवल घरेलू सीमेंट निर्माताओं को राहत मिलेगी बल्कि देश में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास की रफ्तार भी तेज होगी।
सीमेंट निर्माता संघ (CMA) ने कहा कि कर दर में यह कटौती भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएगी और वैश्विक स्तर पर समान अवसर सुनिश्चित करेगी। CMA अध्यक्ष नीरज अखौरी ने कहा कि सीमेंट पर लंबे समय से स्टील और अन्य निर्माण सामग्रियों की तुलना में अधिक कर लगाया जाता था। अब दर घटाकर 18 प्रतिशत करने से यह विसंगति दूर होगी और निर्माण क्षेत्र में संतुलन बनेगा।
श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक अखौरी ने कहा कि सीमेंट बुनियादी ढांचे और आवास निर्माण की आधारभूत सामग्री है। दर घटने से खपत बढ़ेगी और किफायती आवास योजनाओं को भी मजबूती मिलेगी। वहीं, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के स्वामित्व वाली अदानी सीमेंट ने कहा कि यह कदम भारत को बहु-खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से ले जाने में सहायक होगा।
अदानी सीमेंट के सीईओ विनोद बहेटी ने कहा—
“यह सुधार कर दरों का सरलीकरण भर नहीं है, बल्कि भारत के विकास की दिशा और गति का प्रतीक है। यह क्षमता विस्तार, प्रीमियम और टिकाऊ समाधान देने तथा आधारभूत ढांचे को नई ऊर्जा प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
विशेषज्ञों ने भी इस निर्णय को रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बड़ी राहत बताया। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर मनोज मिश्रा ने कहा कि निर्माण सामग्री का हिस्सा किफायती आवास परियोजनाओं की लागत का लगभग 30–35% होता है। सीमेंट की दर घटने से डेवलपर्स पर वित्तीय दबाव कम होगा, जिससे परियोजनाओं की समय पर पूर्ति संभव हो सकेगी।
CMA के अनुसार, भारत की कुल सीमेंट उत्पादन क्षमता लगभग 700 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) है। उद्योग में इस समय अधिग्रहण का दौर चल रहा है, जिसमें अल्ट्राटेक (200 MTPA से अधिक) और अदानी सीमेंट (100 MTPA से अधिक) जैसी बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर रही हैं।
उद्योग को चालू वित्त वर्ष में 7-8% की वृद्धि की उम्मीद है, जिसे सरकार के बुनियादी ढांचे और ग्रामीण आवास पर बढ़ते खर्च से बल मिलेगा। पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में मंदी देखने को मिली थी।