Asian Paints ने एक झटके में कमाए 734 करोड़! Akzo Nobel में हिस्सेदारी बेचकर किया मास्टरस्ट्रोक, बाजार में हलचल तेज

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भारत की सबसे बड़ी पेंट निर्माता कंपनी Asian Paints ने अपने निवेश पोर्टफोलियो में बड़ा कदम उठाते हुए Akzo Nobel India में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी।

इस डील से कंपनी को एक झटके में 734 करोड़ रुपए की बड़ी कमाई हुई, जिससे न केवल उसके शेयरों में मजबूती देखी गई, बल्कि पेंट इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा और भी दिलचस्प हो गई है।


कितनी हिस्सेदारी बेची और किस कीमत पर?

  • Asian Paints के पास Akzo Nobel India में 20,10,626 शेयर (4.42% हिस्सेदारी) थी।

  • इन शेयरों को कंपनी ने 3,651 रुपए प्रति शेयर की दर से बेचा।

  • कुल डील की रकम करीब 734 करोड़ रुपए रही।

  • इस सौदे के बाद Asian Paints अब Akzo Nobel India में किसी हिस्सेदारी की मालिक नहीं रही।


बाजार की चाल समझ कर लिया फैसला

यह सौदा ऐसे वक्त पर हुआ है जब भारतीय पेंट इंडस्ट्री में हलचल तेज है।

  • हाल ही में JSW Paints ने Dulux ब्रांड बनाने वाली कंपनी (Akzo Nobel) के अधिग्रहण के लिए 8,986 करोड़ रुपए की डील की है।

  • इस अधिग्रहण के तहत Akzo Nobel की दो प्रमोटर कंपनियां –

    • Imperial Chemical Industries Ltd (50.46%)

    • Akzo Nobel Coatings International BV (24.30%)
      अपनी हिस्सेदारी बेचेंगी।

Asian Paints ने इस मौके का फायदा उठाकर मुनाफावसूली कर ली, जिससे बाजार में यह कदम ‘मास्टरस्ट्रोक’ के रूप में देखा जा रहा है।


शेयरों में आई हल्की तेजी

इस सौदे की खबर के बाद Asian Paints का स्टॉक भी हरकत में दिखा:

  • बुधवार को कंपनी का शेयर 2,498.75 रुपए पर बंद हुआ, जो पिछले दिन की तुलना में 0.57% ऊपर था।


भारत का पेंट बाजार: टक्कर बढ़ती जा रही

  • भारतीय पेंट इंडस्ट्री का कुल आकार 90,000 करोड़ रुपए से अधिक है।

  • बड़ी कंपनियों में शामिल हैं:

    • Asian Paints

    • Berger Paints

    • Nippon Paints (Kansai Nerolac)

    • Akzo Nobel India

    • Indigo Paints

    • और हाल ही में उतरी Birla Opus (Aditya Birla Group द्वारा फरवरी 2024 में लॉन्च)।

Asian Paints के इस कदम से संकेत मिलता है कि अब कंपनियां सिर्फ उत्पादन या बिक्री नहीं, बल्कि रणनीतिक निवेश और निकासी के जरिए भी बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं।


 

Asian Paints का यह फैसला भारतीय कॉर्पोरेट दुनिया में एक सटीक रणनीतिक निकासी (Strategic Exit) के उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। जहां एक ओर यह डील उन्हें तुरंत लाभ दिला गई, वहीं दूसरी ओर यह कदम बाजार में उनके बढ़ते आत्मविश्वास और फोकस्ड बिजनेस दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।

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