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इंद्रावती नदी में डूबे युवक का शव तीन दिन बाद मिला, 4 किमी दूर चट्टानों में फंसा मिला शव
Dantewada, CG

दंतेवाड़ा जिले में बहने वाली इंद्रावती नदी में तीन दिन पहले नाव पलटने से बहे युवक का शव 11 जुलाई को घटनास्थल से करीब चार किलोमीटर दूर चट्टानों के बीच फंसा हुआ मिला।
हादसे के समय दो युवक नदी पार कर रहे थे, जिनमें से एक को सुरक्षित बचा लिया गया था, जबकि दूसरा युवक लापता हो गया था।
नाव पलटने से हुआ हादसा
यह घटना बारसूर थाना क्षेत्र के मंगनार गांव की है। गांव के दो युवक – महेश ओयामी (15) और जग्गू लेकामी (18) – 8 जुलाई को नाव से बोधघाट बाजार गए थे। देर शाम लौटते समय, इंद्रावती और गुडरा नदी के संगम के पास तेज बहाव के कारण उनकी नाव पलट गई। नाव को दोनों युवक स्वयं चला रहे थे।
महेश को बचाया गया, जग्गू बह गया
हादसे के बाद महेश एक चट्टान में फंस गया और वहीं खड़ा रहा, जिससे उसकी जान बच पाई। वहीं जग्गू नदी की तेज धारा में बह गया। परिजनों ने जब दोनों को रात तक घर न लौटता देखा, तो वे उन्हें ढूंढने निकले। अगली सुबह महेश एक चट्टान पर फंसा मिला, जिसे पुलिस की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
तीन दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
9 जुलाई से शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान लगातार तीन दिन तक जारी रहा। अंततः 11 जुलाई की शाम को घटनास्थल से लगभग 4 किमी दूर चट्टानों में फंसा जग्गू का शव बरामद हुआ। पुलिस और रेस्क्यू टीम ने शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया।
बरसात में नदी पार करना जोखिमभरा
स्थानीय प्रशासन द्वारा बरसात के मौसम में नदी पार करने पर पाबंदी है, क्योंकि इंद्रावती नदी इस समय पूरे उफान पर रहती है। लेकिन ग्रामीणों को रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए दूसरी ओर जाना पड़ता है, जिसके चलते वे बिना सुरक्षा उपायों के, स्वयं छोटी नावें चलाकर नदी पार करते हैं।
नाविक और सुरक्षा के इंतजाम नहीं
ग्रामीणों की मजबूरी है कि इलाके में न तो कोई अधिकृत नाविक है और न ही मोटरबोट जैसी सुरक्षित सुविधा। ऐसे में वे जोखिम उठाकर नदी पार करते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित हो जाता है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि मौसम साफ होने तक नदी पार न करें।