स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि तीन गुना बढ़ी: 2024 में ₹37,600 करोड़ तक पहुंची

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2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा धनराशि में चौंकाने वाली वृद्धि देखी गई है। स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक स्विस नेशनल बैंक (SNB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों की ओर से जमा की गई राशि 3.5 अरब स्विस फ्रैंक (करीब ₹37,600 करोड़) तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना से अधिक है।

फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशनों का योगदान सबसे अधिक

इस बढ़ोत्तरी का अधिकांश हिस्सा भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों की जमा राशियों से आया है। व्यक्तिगत भारतीय खातों की बात करें तो उनमें केवल 11% की वृद्धि देखी गई है, जो लगभग 346 मिलियन स्विस फ्रैंक (₹3,675 करोड़) है।


स्विट्जरलैंड ने काले धन की धारणा को खारिज किया

स्विस अधिकारियों ने साफ किया है कि स्विस बैंकों में जमा यह रकम 'काला धन' नहीं मानी जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच 2018 से सूचना साझा करने का समझौता लागू है, जिसके तहत हर साल भारतीय खातों की जानकारी भारत सरकार के साथ साझा की जाती है।


2023 में भारी गिरावट, 2024 में अचानक उछाल

2023 में भारतीयों का स्विस बैंकों में पैसा 70% गिरकर 1.04 अरब स्विस फ्रैंक (करीब ₹11,000 करोड़) रह गया था। लेकिन 2024 में यह अचानक तीन गुना वृद्धि के साथ फिर से चर्चा का विषय बन गया है।


BIS डेटा में भारत की रैंकिंग भी सुधरी

बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के अनुसार, 2024 में भारतीयों के निजी जमा और लोन 6% बढ़कर 74.8 मिलियन डॉलर (₹650 करोड़) हो गए हैं। इसके साथ ही भारत की वैश्विक रैंकिंग भी 67वें स्थान से बढ़कर 48वें पर पहुंच गई है।


स्विस बैंक: गोपनीयता और सुरक्षा के प्रतीक

स्विस बैंक अपने नंबर्ड अकाउंट्स और सख्त गोपनीयता नीति के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं कारणों से अमीर, कारोबारी, एनआरआई और कई बार टैक्स बचाने वाले लोग भी स्विस बैंकों को पसंद करते हैं।


भारत में स्विस बैंक पर बनी रही राजनीति

  • काले धन का मुद्दा: अक्सर आरोप लगता है कि भारतीय अमीर लोग टैक्स चोरी के लिए स्विस बैंकों का सहारा लेते हैं।

  • राजनीतिक बहस: 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने स्विस बैंकों से काला धन वापस लाने का वादा किया था। विपक्ष इसी आधार पर सरकार से लगातार सवाल पूछता रहा है।

  • अडानी विवाद: 2024 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप के 310 मिलियन डॉलर स्विस बैंकों में जमा हैं। हालांकि समूह ने इस आरोप को खारिज किया।


हर स्विस खाता गलत नहीं होता

स्विस अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि हर खाता संदिग्ध नहीं होता। कई कारोबारी और एनआरआई कानूनी रूप से स्विस बैंकों में पैसा जमा करते हैं। अब ये बैंक अंतरराष्ट्रीय टैक्स नियमों का पालन कर रहे हैं और 'टैक्स हेवन' की छवि से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

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