- Hindi News
- बिजनेस
- "31 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों ने चुना यूपीएस का विकल्प, अब 30 सितंबर तक बढ़ी आखिरी तारीख"
"31 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों ने चुना यूपीएस का विकल्प, अब 30 सितंबर तक बढ़ी आखिरी तारीख"
Business

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश की गई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
20 जुलाई 2025 तक 31,555 कर्मचारियों ने इस योजना को अपनाया है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि एनपीएस के विकल्प के तौर पर यूपीएस को अपनाने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए यूपीएस को एक वैकल्पिक योजना के रूप में पेश किया है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन लाभ प्रदान करना है, जो एनपीएस की तुलना में अधिक स्थायित्व और सुरक्षा देने का दावा करता है।
कर्मचारियों और संघों की मांग पर बढ़ी समय सीमा
लोकसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर्मचारियों और उनके संगठनों से प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर सरकार ने यूपीएस विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 तक कर दिया है। पहले यह अवधि 30 जून 2025 तक निर्धारित थी।
कौन हैं यूपीएस विकल्प के पात्र कर्मचारी?
वित्त मंत्री ने बताया कि पात्रता मानदंडों के अनुसार, 25,756 सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी यूपीएस के तहत अतिरिक्त लाभ के हकदार हैं। इनमें वे कर्मचारी शामिल हैं जिन्होंने 31 मार्च 2025 तक सेवा पूरी कर ली है या सेवानिवृत्त/मृत्यु/सेवामुक्ति के मामलों में शामिल हैं।
इनमें वे कर्मचारी भी आते हैं:
-
जिन्होंने 10 वर्ष या उससे अधिक की अर्हक सेवा पूरी की हो,
-
जो एनपीएस के अंतर्गत पंजीकृत हों,
-
और जिनकी सेवानिवृत्ति मौलिक नियम 56(जे) के तहत हुई हो।
यूपीएस के लाभ और विकल्प
सरकार ने यूपीएस के अंतर्गत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी का दायरा बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त, जो कर्मचारी यूपीएस को अपनाते हैं वे सेवा के दौरान मृत्यु, विकलांगता या सेवामुक्ति की स्थिति में सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 या सीसीएस (असाधारण पेंशन) नियम, 2023 के अंतर्गत लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत एनपीएस की तरह ही यूपीएस को भी टैक्स लाभ प्रदान किया गया है। यानी यह योजना न केवल भविष्य की वित्तीय सुरक्षा देती है, बल्कि कर छूट का लाभ भी उपलब्ध कराती है।
क्या अन्य क्षेत्रों में भी मिलेगा ऐसा लाभ?
जब सदन में यह सवाल उठा कि क्या सरकार अन्य पेंशन योजनाओं या क्षेत्रों में भी इसी तरह के लाभ देने पर विचार कर रही है, तो वित्त मंत्री ने साफ किया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा,
"यूपीएस को केवल केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों के लिए एनपीएस के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में लागू किया गया है जो एनपीएस में शामिल हैं। अन्य योजनाओं या क्षेत्रों में इसे विस्तारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।"
विशेषज्ञों की राय: यूपीएस बना कर्मचारियों का भरोसेमंद विकल्प
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि एनपीएस की तुलना में यूपीएस के तहत मिलने वाले सुनिश्चित लाभ और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी गारंटी ने कर्मचारियों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि हजारों की संख्या में कर्मचारी इस योजना को अपना रहे हैं।
विशेष रूप से ग्रेच्युटी, मृत्यु और विकलांगता से संबंधित प्रावधानों को अधिक मजबूत और लचीला बनाए जाने से यह योजना वर्तमान में एनपीएस की तुलना में अधिक स्थायी और भरोसेमंद पेंशन सुरक्षा विकल्प के रूप में उभर रही है।