- Hindi News
- बिजनेस
- ट्रेन में अब मनमर्जी से नहीं ले जा सकेंगे सामान! रेलवे ने तय की लगेज लिमिट, तय सीमा से ज्यादा पर देन...
ट्रेन में अब मनमर्जी से नहीं ले जा सकेंगे सामान! रेलवे ने तय की लगेज लिमिट, तय सीमा से ज्यादा पर देना होगा शुल्क
Business

अगर आप ट्रेन में सफर करते वक्त भारी-भरकम सामान लेकर निकलते हैं, तो अब आपको थोड़ा सतर्क हो जाने की जरूरत है।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए सामान ले जाने की सीमा तय कर दी है, और यह नियम अब सख्ती से लागू किया जा रहा है। यानी अगर आप तय सीमा से अधिक सामान ले जाते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना देना पड़ सकता है।
रेलवे का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुविधा, ट्रेनों में जगह की कमी और ट्रैफिक प्रबंधन को देखते हुए उठाया गया है। अब तक यात्री बिना रोक-टोक मनचाहा सामान साथ ले जाते थे, लेकिन अब यह मनमानी नहीं चलने वाली।
हर श्रेणी के लिए तय है सीमा: जानिए क्या है लिमिट
रेलवे ने अलग-अलग श्रेणियों के यात्रियों के लिए मुफ्त सामान ले जाने की सीमा तय कर दी है:
-
स्लीपर क्लास यात्रियों के लिए: अधिकतम 40 किलोग्राम तक का सामान मुफ़्त।
-
एसी क्लास (AC-I, AC-II, AC-III):
-
एसी प्रथम श्रेणी – 70 किलोग्राम,
-
एसी द्वितीय श्रेणी – 50 किलोग्राम,
-
एसी तृतीय श्रेणी – 50 किलोग्राम तक।
-
-
जनरल/अनारक्षित टिकटधारी यात्रियों के लिए: केवल 35 किलोग्राम तक।
यदि कोई यात्री इस सीमा से अधिक सामान ले जाता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा या सामान को पार्सल के रूप में बुक कराना होगा।
नियम तोड़ा तो भरना पड़ सकता है जुर्माना
भारतीय रेलवे के अधिकारियों को अब यह अधिकार दिया गया है कि वे यात्रा के दौरान किसी भी यात्री के सामान की जांच कर सकें। यदि कोई यात्री तय सीमा से ज्यादा सामान के साथ पकड़ा जाता है तो:
-
उसे ₹50 से ₹500 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है,
-
जुर्माना सामान के अतिरिक्त वजन और यात्रा की दूरी पर निर्भर करेगा,
-
और यदि मामला गंभीर हुआ, तो सामान उतरवाया भी जा सकता है।
इसलिए बेहतर यही है कि यात्री यात्रा से पहले सामान की जांच कर लें और तय सीमा में ही यात्रा करें।
ज्यादा सामान ले जाना है? तो करें ये काम
रेलवे ने एक समाधान भी सुझाया है। यदि किसी यात्री को ज्यादा सामान लेकर यात्रा करनी हो, तो वह अपनी यात्रा से पहले रेलवे स्टेशन पर मौजूद पार्सल कार्यालय में जाकर सामान को पार्सल के रूप में बुक करा सकता है।
-
ऐसा करने पर किसी तरह की परेशानी या जुर्माने से बचा जा सकता है,
-
सामान सुरक्षित रूप से गंतव्य स्टेशन तक पहुँचता है,
-
और यात्रा भी हल्की और आरामदायक हो जाती है।
सामान की ओवरलोडिंग से रेलवे परेशान
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यात्रियों द्वारा ट्रेन में घर का पूरा सामान लेकर चढ़ जाना एक आम समस्या बन चुका है। ट्रेनों में देखा गया है कि लोग बक्से, गद्दे, गैस सिलेंडर, यहां तक कि फर्नीचर तक लेकर चढ़ जाते हैं। इससे अन्य यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिलती और ट्रेनों में अव्यवस्था फैलती है।
रेलवे ने अब स्पष्ट किया है कि ट्रेन यात्रा के लिए है, ट्रांसपोर्ट के लिए नहीं। यात्रियों को इस नियम का पालन करना ही होगा।
नियम तोड़ने पर खराब हो सकता है सफर का मज़ा
यदि कोई यात्री यह सोचकर ट्रेन में भारी सामान लेकर चढ़ता है कि कोई रोकने वाला नहीं है, तो अब उसकी यह सोच महंगी पड़ सकती है। टिकट चेकिंग स्टाफ या स्टेशन पर तैनात अधिकारी अब लगेज की जांच कर सकते हैं। यदि नियम का उल्लंघन पाया गया, तो जुर्माना, बहस और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए बेहतर यही है कि आप यात्रा से पहले अपने सामान का वजन तय सीमा के अंदर रखें या फिर पार्सल सुविधा का उपयोग करें।