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ट्रंप के टैरिफ फैसले से क्रिप्टो बाजार में भूचाल.... गिरावट के बीच भारतीय निवेशकों का भरोसा बरकरार
BUSINESS NEWS
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वैश्विक वित्तीय बाजार में एक बार फिर बड़ा भूचाल देखने को मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आने वाले सामान पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टोकरेंसी बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। इस झटके से सिर्फ एक दिन में करीब 19 अरब डॉलर यानी 1.68 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
बिटकॉइन और एथेरियम की कीमतों में बड़ी गिरावट
दुनियाभर के निवेशकों के लिए यह दिन भारी साबित हुआ। बिटकॉइन और एथेरियम जैसे प्रमुख डिजिटल टोकंस की कीमतें एक झटके में नीचे आ गईं। कई एक्सचेंजों पर भारी बिकवाली के चलते ट्रेडिंग घंटों के भीतर अरबों डॉलर की पूंजी स्वाहा हो गई।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, महज एक घंटे की ट्रेडिंग में 7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज हुई और 16 लाख से अधिक ट्रेडर्स को नुकसान झेलना पड़ा। इस अचानक बढ़े दबाव की वजह से दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज Binance को अस्थायी तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, हालांकि कुछ घंटों बाद सिस्टम सामान्य हो गया।
भारतीय निवेशकों ने दिखाया आत्मविश्वास
जहां विदेशी निवेशकों में डर और बेचैनी का माहौल दिखा, वहीं भारतीय निवेशकों ने इस गिरावट को खरीदारी का सुनहरा अवसर माना। देश के प्रमुख क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स — कॉइनस्विच, कॉइनडीसीएक्स और मुदरेक्स — पर ट्रेडिंग गतिविधियों में जबरदस्त उछाल दर्ज हुआ।
कॉइनस्विच के वाइस प्रेसिडेंट (बिजनेस) बालाजी श्रीहरि ने बताया कि “भारतीय निवेशक अब बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने लगे हैं। उन्होंने घबराने के बजाय इसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के अवसर के रूप में देखा है।”
कॉइनस्विच पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50 गुना वृद्धि
मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद, कॉइनस्विच पर स्पॉट ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50 गुना तक की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, कॉइनडीसीएक्स के को-फाउंडर सुमित गुप्ता ने बताया कि “1 अक्टूबर को जहां प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 1.1 करोड़ डॉलर था, वहीं 10 अक्टूबर तक यह बढ़कर 3.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया।”
उनके अनुसार, निवेशक विशेष रूप से बिटकॉइन और एथेरियम जैसे शीर्ष टोकंस में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
मुदरेक्स पर रिकॉर्ड डिपॉजिट्स
मुदरेक्स के को-फाउंडर एदुल पटेल ने बताया कि “11 अक्टूबर की सुबह से प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 120% तक बढ़ा है और डिपॉजिट्स ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए हैं।”
उन्होंने बताया कि निवेश का 60:40 रेशियो लॉन्ग पोजीशन के पक्ष में है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक आने वाले दिनों में मार्केट रिकवरी को लेकर आशावादी हैं।
वैश्विक स्तर पर असर, लेकिन भारत में सकारात्मक रुझान
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही बाजार में गिरावट और घबराहट का माहौल हो, लेकिन भारतीय निवेशकों की सोच अब परिपक्व दिखाई दे रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में बढ़ती क्रिप्टो समझ और नियामक स्पष्टता ने निवेशकों को अधिक आत्मविश्वासी बनाया है।