- Hindi News
- देश विदेश
- नेपाल ने नए ₹100 नोट पर भारत के 3 क्षेत्रों को अपना दिखाया; भारत ने किया कड़ा विरोध, कहा—‘नक्शा बदलन...
नेपाल ने नए ₹100 नोट पर भारत के 3 क्षेत्रों को अपना दिखाया; भारत ने किया कड़ा विरोध, कहा—‘नक्शा बदलने से सच नहीं बदलता’
Digital Desk
नेपाल ने एक बार फिर भारत के साथ सीमा विवाद को भड़का दिया है। उसके नए 100 रुपए के नोट पर लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है, जबकि भारत इन तीनों क्षेत्रों को अपने भू-भाग का अभिन्न हिस्सा मानता है।
भारत ने इस कदम को एकतरफा और ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे राजनीतिक दावे न तो भूगोल बदलते हैं, न ही वास्तविक स्थिति। नेपाल को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
नए नोट पर नेपाल राष्ट्र बैंक के पूर्व गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और वर्ष 2081 बीएस (2024) अंकित है।
केवल ₹100 के नोट पर दिखाया विवादित नक्शा
नक्शा हल्के हरे रंग में नोट के केंद्र में छापा गया है। यह बदलाव केवल ₹100 के नोट में किया गया है। बैंक अधिकारियों ने कहा कि पुराने नोट पर भी नक्शा मौजूद था, जिसे सरकार के फैसले के अनुसार संशोधित किया गया है।
डिजाइन में बाईं ओर माउंट एवरेस्ट, दाईं ओर गुरांस का वाटरमार्क और पास में लुम्बिनी का अशोक स्तंभ है। पीछे की तरफ एक सींग वाले गैंडे की आकृति है।
2020 में भी जारी हुआ था विवादित नक्शा
ओली सरकार ने 2020 में पहली बार संशोधित नक्शा जारी किया था, जिसे बाद में संसद की मंजूरी मिली। तब भी भारत ने इसका विरोध किया था और कहा था कि नक्शा बदलकर क्षेत्रीय दावा नहीं किया जा सकता।
भारत आज भी इन तीनों क्षेत्रों को अपना हिस्सा मानता है। दोनों देश लगभग 1850 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं, जो भारत के पांच राज्यों—सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड—से होकर गुजरती है।
सीमा विवाद की जड़: काली नदी का उद्गम
1816 के सुगौली समझौते में काली नदी को दोनों देशों के बीच सीमारेखा माना गया था।
-
भारत पूर्वी धारा को काली नदी का उद्गम मानता है।
-
नेपाल पश्चिमी धारा को उद्गम बताता है।
इसी भौगोलिक व्याख्या के कारण कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को लेकर दोनों देशों का दावा टकराता है।
रणनीतिक रूप से बेहद अहम इलाका
-
कालापानी भारत-नेपाल-चीन के त्रिकोणीय जंक्शन पर स्थित है।
-
यहां से भारत चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।
-
1962 के बाद से यहां भारत की सुरक्षा तैनाती मौजूद है।
-
मानसरोवर यात्रा लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरती है।
2020 में भारत द्वारा 80 किमी लंबी सड़क निर्माण के बाद नेपाल ने नाराजगी जताई थी।
