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भांग और ड्रायफ्रूट से हुआ बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, भक्तों ने भक्ति में डूबी सुबह का लिया आनंद
Ujjain, MP

उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार, 20 अप्रैल 2025 को वैशाख माह की कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि पर भगवान महाकालेश्वर का दिव्य और अनुपम श्रृंगार किया गया। प्रातः 4 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ पड़ी।
जल, पंचामृत और भस्म से अभिषेक
मंदिर में सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके पश्चात पंचामृत — दूध, दही, घी, शहद एवं फलों के रस से विधिपूर्वक पूजन हुआ। महाअभिषेक के इस दिव्य क्रम के बाद भगवान को भस्म अर्पित की गई, जो कि बाबा महाकाल की विशेष परंपरा मानी जाती है।
भांग, चंदन और रुद्राक्ष से किया श्रृंगार
महाकाल को विशेष रूप से भांग, चंदन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगारित किया गया। उनके शृंगार में शेषनाग का रजत मुकुट, रजत से बनी मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला शामिल थी। भगवान को मिष्ठान्न और फलों का विशेष भोग अर्पित किया गया।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, गूंजा ‘जय श्री महाकाल’
सुबह की भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा के दिव्य रूप का दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। दर्शन के पश्चात भक्तों ने नंदी महाराज के कान में जाकर अपनी मनोकामनाएं भी प्रकट कीं, जैसा कि मान्यता है कि नंदी बाबा के माध्यम से मनोकामनाएं महाकाल तक पहुँचती हैं।
पूरे मंदिर परिसर में “जय श्री महाकाल” के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धा, आस्था और आनंद से ओतप्रोत यह भोर उज्जैन में एक बार फिर महाकाल की महिमा का साक्षात अनुभव करा गई।