- Hindi News
- बिजनेस
- रेपो रेट स्थिर, महंगाई काबू में: RBI ने 5.5% दर पर बनाए रखा भरोसा
रेपो रेट स्थिर, महंगाई काबू में: RBI ने 5.5% दर पर बनाए रखा भरोसा
Business News

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति की दिशा में एक अहम फैसला लेते हुए रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही स्थिर बनाए रखने की घोषणा की है।
4 अगस्त से शुरू हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 अगस्त को यह जानकारी दी।
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों, खासकर महंगाई और विकास दर की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि आरबीआई इस वर्ष अब तक रेपो रेट में कुल 1 प्रतिशत की कटौती कर चुका है — फरवरी, अप्रैल और जून में क्रमशः 0.25%, 0.25% और 0.50% की कटौती की गई थी।
महंगाई स्थिर, नीति न्यूट्रल:
आरबीआई प्रमुख ने स्पष्ट किया कि फिलहाल महंगाई दर करीब 4% पर स्थिर है, जो कि रिजर्व बैंक के लक्ष्य के अनुरूप है। इसलिए मौद्रिक नीति समिति ने अपनी 'न्यूट्रल पॉलिसी स्टांस' को बनाए रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी हाल की गई दरों में कटौती का पूरा प्रभाव बाजार पर दिखना बाकी है।
SDF और MSF दरें भी जस की तस:
रेपो रेट के अलावा, SDF (स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी) दर को 5.25% और MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) दर को 5.75% पर ही स्थिर रखा गया है।
आर्थिक संकेतक सकारात्मक:
गवर्नर ने मानसून की प्रगति को आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत माना है। उनका मानना है कि कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग में सुधार से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
आरबीआई के इस फैसले से संकेत मिलता है कि केंद्रीय बैंक फिलहाल सतर्क रुख अपनाए हुए है। जहां एक ओर महंगाई नियंत्रित है, वहीं आर्थिक सुधार को गति देने के लिए ब्याज दरों में स्थिरता को प्राथमिकता दी जा रही है।
पाठकों के लिए संदेश:
रेपो रेट में स्थिरता का मतलब यह है कि निकट भविष्य में बैंक लोन और ईएमआई में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। हालांकि, महंगाई और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर नजर बनी रहेगी।