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18 मई महाकाल भस्म आरती: भांग-चंदन, पुष्प और आभूषणों से हुआ दिव्य श्रृंगार, गूंजे जयकारे
Ujjain, MP

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि, रविवार 18 मई की अलसुबह विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रातः 4 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खोले गए, भक्तों की श्रद्धा उमड़ पड़ी। बाबा महाकाल का भव्य जलाभिषेक कर दिन की शुरुआत हुई।
इसके बाद पारंपरिक विधि-विधान से दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बना पंचामृत अर्पित किया गया। भक्तों ने बाबा के भस्म अभिषेक के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया।
शनिवार रात्रि को ही महाकाल का विशेष श्रृंगार कर दिया गया था। बाबा को भांग, चंदन, सुगंधित पुष्प, रजत मुकुट, रजत मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और ड्रायफ्रूट श्रृंगार से सजाया गया। उनके विग्रह पर शेषनाग का चांदी का भव्य मुकुट भी शोभायमान हुआ।
आरती के दौरान मंदिर परिसर "जय महाकाल", "हर हर महादेव" के जयकारों से गूंजता रहा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भस्म आरती में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। दर्शनार्थियों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कही और आशीर्वाद की कामना की।
श्रद्धालुओं के अनुसार, अलौकिक श्रृंगार और दिव्यता को देखकर तन-मन-आत्मा सभी महाकालमय हो गए। सुबह-सुबह महाकालेश्वर के दर्शन और आरती ने हर किसी को भक्ति में सराबोर कर दिया।