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कब रखा जाएगा मासिक कालाष्टमी का व्रत, जानें सही तिथि, शुभ योग और पूजा विधि
Dharm Desk

कालाष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भक्त भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव की आराधना करते हैं. आइए जानते हैं माघ माह में कालाष्टमी का व्रत की तिथि, शुभ योग और पूजा विधि के बारे में.
हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन काल भैरव देव की पूजा की जाती है. काल भैरव को तंत्र और मंत्र के देवता के रूप में माना जाता है. उनकी पूजा से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही विशेष कार्य में सफलता पाने के लिए कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ के काल भैरव स्वरूप की पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होंगी और आपकी मनचाही इच्छा पूरी होंगी. इसके अलावा हर प्रकार के भय से भी मुक्ति मिलती है.
कालाष्टमी व्रत तिथि | Magh Kalashtami 2025 Date
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ मंगलवार, 21 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगा और तिथि का समापन अगले दिन 22 जनवरी को दोपहर 3 बजकर 18 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, माघ माह की कालाष्टमी का व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा.
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कालाष्टमी योग | Magh Kalashtami 2025 Yoga
माघ माह की कालाष्टमी के दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है. शुभ इस योग में कोई भी कार्य करने से दुगने फलों की प्राप्ति होती है. कालाष्टमी के दिन द्विपुष्कर योग सुबह 07 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक है. इस दौरान भगवान काल भैरव की पूजा करने से शुभ फलदायी होता है.
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami 2025 Puja Vidhi
कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर लें. पूजा स्थल का शुद्धिकरण करने के बाद व्रत का संकल्प लें. पूजा में काल भैरव की मूर्ति या चित्र पर काले वस्त्र अर्पित कर, फूल, बेलपत्र, काले तिल, धूप, दीप और कपूर से पूजा करें. इसके बाद भैरव चालीसा का पाठ और “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें. भगवान को मिष्ठान्न, पंचामृत और फल का भोग लगाकर आरती करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. DAINIKJAGRANMPCG.COM इसकी पुष्टि नहीं करता है.