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सत्यकथा: भोपाल में 'यंग बेगम-बूढ़ा शौहर' कांड – हुस्न की चादर में छुपा पांच निकाहों की लूट का सच
Satyakatha

भोपाल की शातिर हसीना: शकीना उर्फ मल्लिका-ए-हुस्न
"शफीक मियां को लगा कि उनकी तकदीर ने उन्हें एक नई सुबह दी है। सत्तर की उम्र में जब 35 साल की जवान शकीना उनके निकाह में आई, तो उन्होंने सोचा – खुदा ने उनका अकेलापन देख लिया। पर वह नहीं जानते थे कि यह खूबसूरत साथ, एक खूंखार साजिश थी।"
■ भोपाल की शातिर हसीना: शकीना उर्फ मल्लिका-ए-हुस्न
भोपाल में सामने आई यह सनसनीखेज कहानी किसी टीवी क्राइम शो की पटकथा नहीं, बल्कि हकीकत की हौलनाक तस्वीर है।
35 वर्षीय शकीना (बदला हुआ नाम) एक ऐसी महिला है, जिसने पिछले 18 वर्षों में पांच निकाह किए — हर बार किसी न किसी मासूम मर्द को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर उसकी संपत्ति, गाड़ी, कैश और इज्जत तक हड़प ली।
उसका ताजा शिकार बना 75 वर्षीय शफीक मियां, जो भोपाल में अकेलेपन से परेशान जीवन बिता रहे थे और उनकी आंखों में एक हमसफर की तलाश थी। लेकिन उन्हें मिला धोखा, बर्बादी और जिल्लत।
■ कैसे शुरू हुई कहानी: अकेलापन और हुस्न का धोखा
शफीक मियां रिटायर्ड शिक्षक हैं। पत्नी का देहांत कई साल पहले हो चुका था और बच्चे दूर बसे हुए थे। वे गुना जिले के राघौगढ़ के मूल निवासी हैं, लेकिन पिछले दो साल से भोपाल के लक्ष्मी टॉकीज के पास रह रहे थे।
इसी दौरान उनके पड़ोस में रहने वाली रुखसाना नामक महिला ने उन्हें सलाह दी —
“मेरी बहन शकीना तलाकशुदा है, भोपाल में रहती है। उम्र थोड़ी कम है लेकिन आपके साथ रिश्ते में कोई ऐतराज नहीं। वो भी अकेली है।”
शफीक मियां ने तुरंत हामी भर दी। और कुछ ही दिनों में वे शेरवानी पहनकर भोपाल पहुंच गए।
■ पहली मुलाकात, पहली रात, और पहला धोखा
शकीना से मिलते ही शफीक को विश्वास नहीं हुआ कि इतनी खूबसूरत और जवान महिला उनसे निकाह को तैयार है।
शकीना ने भी पूरा अभिनय किया — खाना बनाया, पास बैठी, हंसी-ठिठोली की, और फिर रात में शफीक के पलंग के पास आकर लेट गई।
शफीक को लगा कि खुदा ने उनकी सुन ली।
पर यही रात, उस धोखे का पहला अध्याय थी।
■ निकाह और गिरगिट जैसा बदलाव
22 सितंबर 2023 को फरहान नामक युवक शफीक को करोंद स्थित एक ऑफिस में ले गया। वहां मौलवी जुनैद ने शकीना और शफीक का निकाह पढ़ाया।
निकाह के अगले ही दिन, शकीना ने बदन बदला, बर्ताव बदला और बिस्तर भी बदल लिया।
वह अब शफीक से अलग कमरे में सोने लगी। और रात में उसके और फरहान की आवाजें आने लगीं।
■ ब्लैकमेलिंग की शुरुआत: दवाएं, फोटो और लूट
कुछ दिनों बाद शकीना ने शफीक से कहा:
"तुमसे कुछ होता नहीं, लेकिन मैं तुम्हारे साथ प्यार करना चाहती हूं... मैं दवा लाकर देती हूं।"
उसी रात शकीना ने उन्हें दो नीली गोलियां दीं, जिससे उनके शरीर में उत्तेजना आई — लेकिन शकीना ने संबंध बनाने की बजाय उनकी अश्लील तस्वीरें खींच लीं।
अब शुरू हुआ असली खेल —
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शकीना और फरहान ने उनसे रोज़मर्रा की जरूरत बताकर पैसे लेने शुरू किए।
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16 लाख रुपए की दो किस्तों में रकम निकलवाई गई।
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एक ओमनी गाड़ी अपने नाम करवा कर ढाई लाख में बेच दी गई।
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भोपाल में प्लॉट खरीदने के नाम पर शफीक से पैसे लिए और जमीन अपने नाम करा ली।
अंत में, शफीक की पेंशन के दस्तावेज भी कब्जे में लेकर, उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया।
■ फरहान कौन है? प्रेमी या पार्टनर?
शफीक को शुरू में बताया गया था कि फरहान सिर्फ शकीना का पुराना मददगार है।
पर धीरे-धीरे सच्चाई सामने आई —
फरहान, शकीना का प्रेमी था और दोनों मिलकर ही इस पूरे लूट के खेल को अंजाम दे रहे थे।
■ FIR और पुलिस कार्रवाई
थक-हार कर, अपमान और नुकसान से टूटा शफीक मियां 24 सितंबर 2024 को निशातपुरा थाने पहुंचे।
एक साल तक चली छानबीन के बाद, पुलिस ने शकीना और फरहान को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया।
जांच में जो सामने आया उसने सबको चौंका दिया —
शफीक, शकीना का पांचवां शिकार था।
■ चार शौहर, चार कहानियां, एक साजिश
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सागेर खान (भोपाल)
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शादी 2007, दो बच्चे
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मकान और प्रॉपर्टी हड़प ली
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बेटा अब मां के खिलाफ केस कर रहा है
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सनवर खान (नारियल खेड़ा)
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शादी, दो बच्चे
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पेंशन, संपत्ति और नकद लेकर फरार
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तीसरे और चौथे पति
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पहचान जारी, एक फरार है
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फरहान पर भी शकीना ने चाल चली थी
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पहले उसके खिलाफ झूठा बलात्कार केस दर्ज करवाया
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6 लाख रुपए वसूले
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बाद में प्रेम में फंसाकर उसे पार्टनर बना लिया
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■ 17 साल की उम्र से शुरू किया ठगना
शकीना की ठगी की शुरुआत 17 साल की उम्र में हुई थी।
अब तक पुलिस के रिकॉर्ड में वह कम से कम पांच पुरुषों की जिंदगी बर्बाद कर चुकी है।
हर बार उसका तरीका एक ही रहा —
"निकाह करो, भरोसा दिलाओ, पैसे और संपत्ति अपने नाम कराओ, फिर शिकार को छोड़ दो।"
■ बिना तलाक दिए किया निकाह
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि शकीना ने अपने पहले शौहर सनबर खान से तलाक लिए बिना ही शफीक से निकाह किया था।
उसके चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियों की शादी हो चुकी है।
यह कहानी नहीं, हकीकत है
भोपाल की यह कहानी बताती है कि
"हुस्न जब हथियार बन जाए, और शादी सिर्फ व्यापार — तब भरोसा सबसे बड़ा शिकार बनता है।"
शफीक मियां आज भी निशातपुरा थाने के चक्कर लगा रहे हैं, उम्मीद में कि जो कुछ लुटा है, उसका कुछ हिस्सा वापस मिल जाए।
शकीना और फरहान जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन कई सवाल अभी भी बाहर हवा में तैर रहे हैं...
क्यों नहीं देख पाए शफीक मियां वो चेहरा जो मासूमी के पीछे शातिर था?
और कितने और ‘शफीक’ अभी भी किसी ‘शकीना’ की तलाश में हैं?
🟥 सत्यकथा का उद्देश्य है – असली कहानियों को असली रूप में आपके सामने लाना। अगर आपके पास ऐसी ही किसी असली ठगी या अपराध की कहानी है, तो साझा करें।