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दिव्या देशमुख बनीं वर्ल्ड चेस चैंपियन: 19 साल की उम्र में रच दिया इतिहास, भारत की पहली महिला वर्ल्ड विजेता
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भारत की 19 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत की ही दिग्गज ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक में हराकर खिताब अपने नाम कर लिया।
दिव्या यह खिताब जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला शतरंज के इतिहास में एक सुनहरा मोड़ है।
फाइनल में कांटे की टक्कर, टाईब्रेक में मिला निर्णायक मोमेंट
फाइनल के दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए थे, जिससे फैसला टाईब्रेक राउंड में पहुंचा। टाईब्रेक में दिव्या ने शानदार रणनीति अपनाते हुए 2.5-1.5 के स्कोर से मुकाबला अपने नाम किया।
हम्पी ने मैच के बाद कहा, “12वीं चाल के बाद स्थिति स्पष्ट नहीं थी। 54वीं चाल में दिव्या ने निर्णायक बढ़त बना ली, और मैंने रिजाइन कर दिया।”
दिव्या को मिली ₹42 लाख की इनामी राशि
इस जीत के साथ दिव्या को करीब ₹42 लाख की इनामी राशि भी मिली। वहीं, ओपन सेक्शन वर्ल्ड कप विजेता को ₹91 लाख मिलते हैं।
दिव्या भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं।
विमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई
इस जीत के साथ दिव्या ने 2026 विमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बना ली है। भारत से अब तक सिर्फ कोनेरू हम्पी ही इस टूर्नामेंट में क्वालिफाई कर पाई थीं। अब दिव्या दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
जीत के बाद मां को गले लगाकर रो पड़ीं दिव्या
मैच जीतने के बाद दिव्या मंच से सीधे अपनी मां के पास पहुंचीं और गले लगते ही भावुक हो गईं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उनमें गर्व और संघर्ष की कहानी साफ नजर आ रही थी।