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बलरामपुर की बहू को बनाया गया ‘जीते जी नरक’ की कैदी, खौलते पानी से जलाया चेहरा
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एक विवाहिता के साथ उसके ही ससुराल में ऐसी हैवानियत हुई, जिसे सुनकर रूह कांप उठे। पीड़िता रितु तिवारी ने थाने में दिए बयान में बताया कि उसके शिक्षक पति आकाश तिवारी, सास ताराबती और ससुर हरिशंकर तिवारी ने उसे कमरे में बंद कर, हाथ-पैर बांध दिए। उसके बाद उसे गर्म चिमटे से दागा गया और खौलते पानी में चेहरा डुबो दिया गया।
पीड़िता का आरोप है कि उसका पति किसी अन्य महिला के साथ रह रहा था और उसे रास्ते से हटाकर दूसरी शादी करना चाहता था। 7 दिन तक घर के कमरे में बंदी बनाकर यातना दी गई। आखिरकार, उसकी छोटी बेटी ने रस्सियां खोलीं और उसे बचाया।
2016 में हुई थी शादी, पहले भी हो चुका था उत्पीड़न
रितु तिवारी की शादी वर्ष 2016 में आकाश तिवारी से हुई थी, जो वाड्रफनगर में कोचिंग सेंटर और कॉलेज में पढ़ाता है। शादी के कुछ वर्षों बाद से ही दहेज को लेकर उत्पीड़न शुरू हो गया था। कुछ समय बाद आकाश तिवारी का अंबिकापुर की श्रद्धा मिश्रा नाम की महिला से संबंध हो गया, जिससे रितु ने विरोध किया।
3 जुलाई को नरक की रात
3 जुलाई की रात को रितु को कमरे में बंद किया गया, उसका मोबाइल छीन लिया गया। फिर उसके हाथ-पांव बांधकर, मुंह में कपड़ा ठूंसकर गर्म चिमटे से उसका चेहरा और शरीर दागा गया। इसके बाद उबलते पानी में उसका चेहरा डुबोया गया ताकि वह चिल्ला न सके।
बेटी बनी देवदूत, पिता ने दर्ज कराई FIR
12 जुलाई को पीड़िता की छोटी बेटी ने किसी तरह रस्सियां खोलीं और रितु वहां से किसी जान-पहचान वाले की मदद से मायके पहुंची। रितु के पिता आलोपी पांडेय ने त्रिकुंडा थाने में मामला दर्ज कराया।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल
पुलिस ने पति आकाश तिवारी (30), ससुर हरिशंकर तिवारी (75) और सास ताराबती तिवारी (65) को हिरासत में लिया। पूछताछ में तीनों ने अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद कोर्ट ने सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रितु का उपचार फिलहाल जारी है।