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अमेरिका द्वारा भारत-पाक युद्धविराम की घोषणा पर भड़के भूपेश बघेल, बताया राष्ट्र के सम्मान के खिलाफ
Raipur, CG

भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्धविराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और सम्मान के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए अपमानजनक स्थिति है।
भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि भारत या पाकिस्तान में से किसी एक देश की सरकार यह घोषणा करती, तो बात अलग थी, लेकिन किसी तीसरे देश के राष्ट्रपति द्वारा निर्देश देना भारत के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। उन्होंने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत के मामलों में कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, "मध्यस्थता एक अलग बात होती है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप तो पंच की भूमिका निभा रहे हैं।"
बघेल ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करती है, ताकि देश को यह बताया जा सके कि ऐसी परिस्थितियां आखिर बनी कैसे। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को सरकार के निर्णय पर कोई आपत्ति नहीं है और यदि युद्ध टलता है, तो यह स्वागतयोग्य कदम होगा।
बांग्लादेशी घुसपैठियों पर STF के गठन को लेकर भी उठाए सवाल
बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए गठित STF (स्पेशल टास्क फोर्स) पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले अभियान चलाया गया था, लेकिन नतीजे क्या निकले? कितनों को पहचाना गया और कितनों को निष्कासित किया गया, इसकी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई।
बघेल ने तंज कसते हुए कहा, "जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब सरकार को घुसपैठियों की याद आती है। पश्चिम बंगाल में चुनाव है, इसलिए अब बांग्लादेशियों की बात की जा रही है।"
पीएम आवास योजना पर खुली चुनौती
प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा द्वारा दी गई बहस की चुनौती को भूपेश बघेल ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब चाहें, जहां चाहें, जिस मंच पर चाहें, वह चर्चा के लिए तैयार हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पीएम आवास के लिए 1.30 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती थी, जिसे अब घटाकर 1.20 लाख रुपये कर दिया गया है। कांग्रेस ने विधानसभा में इस राशि को 2.5 लाख रुपये करने की मांग भी रखी थी।