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आयुष्मान योजना में शामिल होंगे 70+ मीसाबंदी और लोकतंत्र सेनानी: भोपाल में ताम्रपत्र से सम्मान
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मध्यप्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के मीसाबंदियों और लोकतंत्र सेनानियों को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित मीसाबंदी सम्मान समारोह में यह ऐलान किया। साथ ही गंभीर इलाज के लिए उन्हें एम्बुलेंस सुविधा और रोजगार योजनाओं में प्राथमिकता भी दी जाएगी।
कार्यक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर करीब 700 मीसाबंदी परिवार शामिल हुए।
आपातकाल के सेनानियों का संघर्ष अविस्मरणीय: सीएम
मुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कांग्रेस पर सीधा हमला किया और कहा, "संविधान के हत्यारे आज संविधान की बात कर रहे हैं। जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के साथ अन्याय किया, वे आज उनके नाम का सहारा ले रहे हैं।"
उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि 50 वर्षों तक विपक्ष में रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकतांत्रिक आदर्श प्रस्तुत किए थे, जबकि आज कुछ नेता सेना और देश की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हैं।
गहलोत बोले: एमपी में सबसे अधिक सुविधाएं, शिवराज को धन्यवाद
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि देश के 12 राज्यों में लोकतंत्र सेनानियों को सरकारी लाभ मिल रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में उन्हें सबसे अधिक सम्मान और सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ताम्रपत्र केवल प्रतीक नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों को आपातकाल की सच्चाई बताने का माध्यम हैं।
ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में निभाएं भूमिका
राज्यपाल गहलोत ने मीसाबंदियों से अपील की कि वे अपने गांव-समाज में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संतुलन की दिशा में भी जागरूकता फैलाएं। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को तीसरे स्थान पर लाने के सरकारी संकल्प में सहभागिता की अपील की।
कैलाश सोनी बोले: लोकतंत्र का करिश्मा है, जेल गए आज राज्यपाल
पूर्व सांसद कैलाश सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि "ये लोकतंत्र का चमत्कार है कि जिन्हें कभी जेल में डाला गया, वे आज लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में राज्यपाल बने हैं।"
अब तक 12 राज्यों में मिल रही मीसाबंदियों को सम्मान निधि
सोनी ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2008 से मीसाबंदियों को सम्मान राशि देने की शुरुआत की गई थी। बाद में अन्य राज्यों में भी इस व्यवस्था को विस्तार मिला और अब 12 राज्यों में यह योजना लागू हो चुकी है।
700 से अधिक मीसाबंदी हुए सम्मानित
कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए 700 मीसाबंदी और उनके परिवारजनों को सम्मानित किया गया। जिन्हें सीएम हाउस में ताम्रपत्र प्रदान किया गया। जिलों में अन्य सेनानियों को प्रभारी मंत्री या मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि सम्मानित करेंगे।