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भोपाल का 90 डिग्री ब्रिज के ऊपर पहली बार बोले सीएम, कहा- फॉल्ट ठीक होने पर ही करेंगे लोकार्पण
Bhopal, MP

भोपाल के ऐशबाग इलाके में बनाए जा रहे रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की 90 डिग्री मोड़ वाली डिजाइन इन दिनों देशभर में सोशल मीडिया पर चर्चा और ट्रोलिंग का विषय बनी हुई है। इस मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का भी बयान सामने आया है। उन्होंने साफ कहा है कि ब्रिज में मौजूद टेक्निकल फॉल्ट को ठीक किए बिना इसका लोकार्पण नहीं किया जाएगा।
सीएम बोले - दोषियों की होगी पहचान, कार्रवाई तय
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐशबाग ब्रिज की तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने का कार्य शुरू हो चुका है और इसके निर्माण में जिन लोगों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
90 डिग्री मोड़ बना चिंता का विषय
ऐशबाग ब्रिज के एक छोर पर यू-शेप मोड़ और दूसरे छोर पर लगभग 90 डिग्री का टर्न दिया गया है। इस मोड़ को लेकर एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में भी चिंता जाहिर की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस ब्रिज पर 30-35 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति पर वाहन चलाना जोखिम भरा हो सकता है।
सोशल मीडिया पर ट्रोल और मीम्स की भरमार
इस अनोखी और अप्रत्याशित डिजाइन के चलते ऐशबाग ब्रिज सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहा है। यूज़र्स इसे "रेलिंग-क्रैश टेस्टिंग ज़ोन" और "टर्निंग पॉइंट ऑफ इंडिया" जैसे नाम दे रहे हैं। कई मीम्स में इसे रेस ट्रैक की तरह दिखाया गया है, जिसमें तेज़ गति से टर्न लेना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन बताया जा रहा है।
रेलवे और कांग्रेस ने पहले ही जताई थी आपत्ति
जानकारी के मुताबिक, ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे विभाग ने भी 90 डिग्री टर्निंग पर आपत्ति जताई थी। लेकिन उस वक्त पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों ने भूमि की कमी का हवाला देकर इसे आवश्यक बताया था। अब इस पूरे डिजाइन पर राजनीतिक सवाल भी उठने लगे हैं और कांग्रेस ने इसे जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ बताया है।
18 करोड़ की लागत, अब तक अधूरा प्रोजेक्ट
मई 2022 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट 18 करोड़ रुपये की लागत से बनना था, जिसे 18 महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक काम अधूरा है। यह ब्रिज 648 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है, जिसमें 70 मीटर हिस्सा रेलवे की ज़मीन पर आता है।