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महाकाल भस्म आरती: चंद्र-बेलपत्र से सजा मस्तक, भांग-चंदन और ड्रायफ्रूट से हुआ अलौकिक श्रृंगार
Ujjain, MP

सावन माह के पवित्र सोमवार और कृष्ण पक्ष की एकादशी पर उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में अल सुबह दिव्य भस्म आरती हुई।
तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आरती की शुरुआत भगवान के पवित्र जलाभिषेक से हुई, जिसके बाद पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस – से अभिषेक कर विधिवत पूजन संपन्न किया गया।
श्रृंगार का अद्वितीय स्वरूप
सोमवार को भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। मस्तक पर भस्म, चंद्र और बेलपत्र अर्पित किए गए। भांग और चंदन से लेप कर शिवलिंग को अलौकिक रूप दिया गया। रजत शेषनाग का मुकुट, मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी मालाओं से बाबा को सजाया गया। विशेष आकर्षण रहा ड्रायफ्रूट से किया गया श्रृंगार, जिसमें बादाम, काजू, पिस्ता जैसे मेवों से बाबा का स्वरूप और भी मोहक दिखाई दिया।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, गूंज उठे जयकारे
आरती के समय मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोषों से गूंज उठा। सैकड़ों श्रद्धालु अल सुबह बाबा के दर्शन के लिए उमड़े। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कहकर आशीर्वाद मांगा। भक्ति, आस्था और श्रद्धा का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने हर हृदय को भिगो दिया।
शिव आराधना का अनुपम दृश्य
आरती के दौरान मंदिर परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। हर दिशा से शिव स्तुति और शंख-घंटों की गूंज गूंज रही थी। बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार और भक्तों का अटूट विश्वास—यह दृश्य न सिर्फ मन को भावविभोर कर रहा था, बल्कि आत्मा को भी शिवत्व की अनुभूति करा रहा था।