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भिंड में ओबीसी महासभा का प्रदर्शन: 13% आरक्षण बहाली सहित 18 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी
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ओबीसी महासभा ने रविवार शाम भिंड कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार से 13% ओबीसी आरक्षण की बहाली की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक घंटे तक नारेबाजी की और बाद में एडीएम एल.के. पांडे को मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन में महासभा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, युवा और समाजसेवी बड़ी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
आरक्षण, न्यायिक सुधार और छात्र कल्याण से जुड़ी मांगें
ज्ञापन में जो प्रमुख मांगें उठाई गईं, उनमें सबसे अहम है—ओबीसी वर्ग का 13% आरक्षण तत्काल बहाल करना और चयनित अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति देना। इसके अलावा, जातिगत जनगणना की मांग भी प्रमुख रही ताकि ओबीसी की वास्तविक आबादी का आंकलन हो सके।
महासभा ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश विधानसभा की 125 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएं और भारतीय न्यायिक सेवा का गठन कर न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, कोलेजियम प्रणाली को समाप्त करने और न्यायिक नियुक्तियों को पारदर्शी बनाने की भी मांग की गई।
छात्रवृत्ति और भर्ती प्रणाली में सुधार की मांग
ओबीसी महासभा ने छात्रवृत्ति की आय सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने की मांग की, जिससे अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें। इसके अतिरिक्त, सभी सरकारी विभागों में बैकलॉग पदों की शीघ्र पूर्ति, आउटसोर्सिंग बंद कर नियमित भर्ती, और आरक्षण रोस्टर के पालन को भी जरूरी बताया गया।
अन्य मांगों में शामिल रहे ये मुद्दे
ज्ञापन में कुछ और महत्वपूर्ण मुद्दों को भी शामिल किया गया, जैसे:
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EWS आरक्षण में ओबीसी वर्ग को भी सम्मिलित किया जाए।
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ओबीसी छात्रावासों में सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
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मालनपुर की 2000 बीघा भूमि विवाद पर निष्पक्ष जांच समिति का गठन हो।
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गजेन्द्र लोधी अपहरण/गुमशुदगी की निष्पक्ष जांच।
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भिंड जिले में ओबीसी अधिकारियों के साथ हो रहे अन्याय की जांच।
शांति से हुआ प्रदर्शन, पुलिस बल रहा तैनात
कलेक्ट्रेट परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई थी, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। एडीएम ने प्रदर्शनकारियों की मांगों को गंभीरता से सुना और ज्ञापन को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।