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SDERF ने बाढ़ में फंसे दंपती को बचाया, दमोह के कई गांव जलमग्न, गर्भवती महिलाओं को किया गया सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट
Damoh, MP

दमोह जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेंदूखेड़ा और तारादेही के बीच बहने वाली ब्यारमा नदी अचानक उफान पर आ गई, जिससे गोपालपुर गांव के एक दंपती खेत में फंस गया।
सोमवार शाम खेत में काम कर रहे कौशल गौड़ और उनकी पत्नी आशारानी रातभर बाढ़ में फंसे रहे। सुबह जैसे ही घटना की जानकारी ग्रामीणों को मिली, तुरंत प्रशासन को सूचित किया गया।
सूचना मिलने के बाद राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (SDERF) की टीम प्रभारी प्राची दुबे के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। टीम ने नाव की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और दंपती को सुरक्षित बाहर निकाला।
ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह की भयावह बाढ़ उन्होंने इससे पहले कभी नहीं देखी। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। खेतों की जगह अब चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
बाढ़ से ये गांव सबसे अधिक प्रभावित
दमोह कलेक्टर सुधीर कोच ने जिले में बाढ़ नियंत्रण हेतु एक कंट्रोल रूम की स्थापना की है ताकि समय रहते मदद पहुंचाई जा सके। उन्होंने बताया कि खमतरा, बरपेटा, जमरा, बमोरी, तारादेवी, खमरिया, जैतगढ़ और बेल्थरा गांव सबसे अधिक प्रभावित हैं। प्रशासन, पुलिस, वन और राजस्व विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। अब तक छह में से पांच महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है, जबकि एक महिला को आज तेंदूखेड़ा अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि राहत कार्य जारी हैं और हर गांव से निरंतर संपर्क बनाए रखा गया है।