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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेशस्तरीय आयोजन आज: सीएम करेंगे वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी नई पहल का शुभारंभ
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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर आज राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वन्यजीव ट्रांस लोकेशन, रेस्क्यू यूनिट और डॉग स्क्वॉड वाहनों का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पर आयोजित वन्यजीव संरक्षण प्रदर्शनी का भी निरीक्षण करेंगे और इसके बाद वन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली वन सुरक्षा समितियों, ईको विकास समितियों, ग्राम वन समितियों और समर्पित वनकर्मियों को सम्मानित करेंगे।
इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव, वन्यजीव विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभरंजन सेन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, समिति सदस्य और वनकर्मी उपस्थित रहेंगे।
मध्यप्रदेश: देश के टाइगर स्टेट की ओर बढ़ता आत्मविश्वास
मध्यप्रदेश न केवल टाइगर स्टेट के तौर पर प्रसिद्ध है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने प्रभावी वन प्रबंधन मॉडल के कारण भी पहचान बना रहा है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है।
वहीं बांधवगढ़, कान्हा, सतपुड़ा और संजय टाइगर रिजर्व को बेहतरीन प्रबंधन वाले संरक्षित क्षेत्रों में गिना गया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को तो यूनेस्को की विश्व धरोहर संभावित सूची में भी जगह मिल चुकी है।
प्रदेश में 9 सक्रिय टाइगर रिजर्व
राज्य में कुल 9 टाइगर रिजर्व सक्रिय हैं —
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कान्हा किसली
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बांधवगढ़
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पेंच
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पन्ना बुंदेलखंड
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सतपुड़ा नर्मदापुरम
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संजय दुबरी सीधी
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नौरादेही
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माधव नेशनल पार्क
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डॉ. विष्णु वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी)
बांधवगढ़ सबसे अधिक बाघों वाला टाइगर रिजर्व है, जिसे देश-विदेश में लोकप्रियता प्राप्त है।
पर्यटन और संरक्षण का सफल संगम
बीते 5 वर्षों में 8 लाख 24 हजार से अधिक पर्यटक प्रदेश के टाइगर रिजर्व का भ्रमण कर चुके हैं, जिनमें 85 हजार से अधिक विदेशी सैलानी शामिल हैं। इन टाइगर पार्कों से करीब 61 करोड़ रुपये की आय हुई है। यह बताता है कि मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण और इको-पर्यटन के बीच संतुलन कायम हो रहा है।